Friday, 23 June 2017 05:00 AM
AP DESK
राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और NDA के अधिकतर मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इस दौरान कुछ अन्य दलों के प्रमुख भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे। एनडीए के घटक दलों के अलावा अन्नाद्रमुक, बीजद, टीआरएस और जदयू जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने दलित नेता कोविंद को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। इससे राष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत लगभग पूर्वनिश्चित हो गई है। अगले राष्ट्रपति का निवार्चन करने वाले निवार्चक मंडल में एनडीए के घटक दलों का मत प्रतिशत 48.6 प्रतिशत से अधिक है।
कोविंद जब अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे उस समय बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा तेलंगाना और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। यह जानकारी कोविंद का समर्थन करने वाले दक्षिण के दो गैर एनडीए दलों के नेताओं ने दी। बीजेपी सूत्र ने कहा कि कोविंद को 61 प्रतिशत से अधिक वोट मिलने की गारंटी है। अंतिम वोट प्रतिशत और बढ़ सकता है जो कि इस पर निर्भर करेगा कि अभी निर्णय नहीं करने वाले क्षेत्रीय दल क्या निर्णय करते हैं।
सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी दलों ने घोषणा की है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार कोविंद के खिलाफ उनकी संयुक्त उम्मीदवार होंगी। मीरा कुमार भी एक दलित हैं। राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई को होना है और मतगणना 20 जुलाई को होगी। राष्ट्रपति का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति के तौर पर निवार्चित होने पर कोविंद सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित होंगे। पहले के आर नारायणन थे जो 1997 से 2002 तक राष्ट्रपति पद पर रहे।
सुर्खियों से दूर रहने वाले दलित कार्यकर्ता कोविंद बीजेपी में विभिन्न संगठनात्मक पदों पर रहे। 2014 में जब एनडीए सत्ता में आया तो 71 साल के कोविंद को 2015 में बिहार का राज्यपाल बनाया गया। दो बार राज्यसभा का सदस्य रहे कोविंद का नाम राष्ट्रपति पद के लिए संभावितों में नहीं था लेकिन बीजेपी की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाये जाने के बाद इस कदम को राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है।