गोंडा के घाघरा के कैचमेंट वाले इलाकों सहित नेपाल के पहाड़ों पर लगातार बारिश होने से नदियां उफान पर है। गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों से छोड़े जाने के कारण घाघरा नदी पूरे उफान पर पहुंच गई है। एल्गिन ब्रिज पर बुधवार को घाघरा नदी खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई। सरयू के धारा मे बीते कई दिनो से उठी ऊफान बुधवार के सुबह लाल निशान को पार कर गई। इससे नवाबगंज, तरबगंज और करनैलगंज के दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इनमें से कुछ गांवों में लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है।
सरयू ने भी लांघा लाल निशान
सरयू नदी भी बुधवार के सुबह लाल निशान से पांच सेमी ऊपर पहुंच गई। अयोध्या में नया घाट स्थित केंद्रीय जल आयोग के अनुसार अगले गुरुवार सुबह 8 बजे तक नदी के जलस्तर में 7 सेमी की बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है। बुधवार शाम 4 बजे का सरयू का जलस्तर 92.780 सेमी दर्ज किया गया। तटीय क्षेत्र में बसे दत्तनगर, साकीपुर, गोकुला, माझाराठ, तुलसीपुर, जैतपुर, दुल्लापुर, दुर्गागंज गांव के खेत खलिहानों मे सरयू का पानी फैलने लगा है।
सबसे ज्यादा प्रभावित दत्तनगर गांव के कई सम्पर्क मार्गों पर हुए जलभराव से यहां के लोगों का सम्पर्क टूट रहा है। बुधवार को ढेमवा रोड पर परिजनों और मवेशी के साथ सड़क किनारे विस्थापित हुए अर्जुन मौर्या ने बताया की घर मे बाढ़ का पानी आ जाने से उन्हे पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा।
ढेमवा पुलिस चौकी के कर्मी भी अलग शिफ्ट हुए
ढेमवा मार्ग तक जाने वाले दत्तनगर गांव के बाईपास मार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने और वाहनों का आवागमन बाधित हो जाने से बुधवार को ढेमवा पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी भी वहां से निकल कर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए। प्रभारी निरीक्षक मनोज राय ने बताया कि आवागमन के रास्ते बाधित हो जाने से पुलिस कर्मियो को अन्यत्र शिफ्ट हो जाने लिए कहा गया था।
घाघरा में समाए सात घर, 55 कटान की जद में
बुधवार को नदी का जलस्तर बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जीना दुश्वार कर दिया है। ऐसे में तटबंध के किनारे गांवों में बसे करीब दो लाख आबादी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एडीएम सुरेश कुमार सोनी, तहसीलदार पुष्कर मिश्रा व जिला आपदा विशेषज्ञ ने साथ ऐली परसौली, गढ़ी, जबर नगर, परास पट्टी पुरवार, बहादुरपुर ,ब्योंदा, दत्त नगर तक सरयू के तटीय क्षेत्रों का भ्रमण किया। तहसीलदार पुष्कर मिश्रा ने बताया कि जिन घरों में पानी जा रहा है उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए साधन मुहैया कराया जा रहा है।
ऐली परसौली के प्रधान प्रतिनिधि मनीराम यादव ने बताया कि कटान के डर से लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर पलायन शुरू कर दिया है। अब तक बिहारी पूरवा में ही दयाराम, मंसाराम, अर्जुन, रमेश, धर्मराज, रामराज, अवध राजी, मीना, नानकाई, साहेब ,देशराज, धर्मराज, रामराज, शिवदयाल, मनीराम, रामदयाल, शिव प्रकाश, बिंद्रा, राम अवध, गंगाराम, सुरेश ,समोराज सहित लगभग 40 घर कटान की जद में आ चुके हैं। इन सभी को सुरक्षित निकाला जा रहा है। वहीं, निकट ही स्थित गढ़ी ग्राम सभा के प्रधान ने बताया कि उनकी ग्राम सभा में नकछेद, अशोक, शिवकुमार, धनीराम, राजाराम, हृदय राम, राम बहादुर के घर घाघरा नदी में समाहित हो गये हैं। इसके साथ ही लगभग 15 घर कटान की जद में हैं।
तबाही मचाने को बेताब घाघरा
बैराजों से हो रहे लगातार भारी डिस्चार्ज के चलते घाघरा नदी अब पूरी तरह से उफना चुकी है। जिससे नदी से जुड़े नालों व निचले भागों से होकर नदी का पानी गांवों की ओर जाना शुरू हो चुका है। जिससे बांध व नदी के बीच वाले तहसील करनैलगंज के नकहरा व बाराबंकी गोण्डा के सरहदी गांव परसावल, बेहटा, पारा मांझा, काशीपुर माझा, रायपुर मांझा, चंदापुर किटौली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। एसडीएम विशाल कुमार ने बताया कि तहसील इलाके की चंदापुर किटौली व पसका के कुछ मजरों में पानी आ गया है।
गोण्डा व बाराबंकी के सरहदी गांव भी बाढ़ की चपेट में
परसावल के ग्राम प्रधान राम कैलाश यादव ने बताया कि बांध व नदी के बीच वाले नैपुरा व परसावल सहित अन्य कई गावों के मजरों में पानी भरना शुरू हो गया हैं। बुधवार देर रात तक ये गांव पूरी तरह से बाढ़ की गिरफ्त में आ जायेगें।
बाढ़ चौकियों को किया सक्रिय
घाघरा में जल स्तर बढ़ने के कारण प्रशासन व बाढ़खण्ड ने सतर्कता बढ़ा दी है। एसडीएम विशाल कुमार व बाढ़ खण्ड के ऐई अमरेश सिंह अपनी टीमों के साथ लगातार बांध व बाढ़ प्रभावित वाले इलाकों में निगरानी बनाये हुए है। एसडीएम विशाल कुमार ने बताया कि बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।
एडीएम, सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। बाढ़ चौकियों पूरी तरह से अलर्ट हैं। बाढ़ से प्रभावित गांवों में ग्रामीणों को विस्थापित किया जा रहा है।