Sunday, 08 October 2023 00:00
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India vs Australia: भारतीय क्रिकेट फैंस की धड़कनें आज से तेज होना शुरू होंगी. अभी तक तो ऐक्शन में न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका जैसी टीमें थीं. आज हिंदुस्तान की बारी है, मुकाबला वर्ल्ड कप इतिहास की सबसे ताकतवर टीम ऑस्ट्रेलिया से है.
वर्ल्ड कप के रोमांच का तूफान आज से उफान पर जाएगा. स्टे़डियम का खचाखच भरा होना किसे कहते हैं ये आज समझ आएगा. तमाम शहरों में आज शाम सड़कें थोड़ी सूनी होंगी. करोड़ों घरों से आज एक ही आवाज आ रही होगी- कम ऑन इंडिया. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में एक बार फिर क्रिकेट टीम के लिए दुआएं मांगी जाएंगी. हवन होंगे, पूजा पाठ होगा। भारत में क्रिकेट की दीवानगी कुछ ऐसी ही है. और आज भारतीय टीम आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के साथ अपने वर्ल्ड कप अभियान की शुरूआत कर रही है. ये मुकाबला चेन्नई में खेला जाएगा. भारतीय क्रिकेट के लिहाज से चेन्नई का मैदान तमाम ऐतिहासिक यादों को संजोए हुए हैं. इस मैदान में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है.
वैसे भी देखा जाए तो पिछले डेढ़ दशक में हिंदुस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच की टक्कर को देखने में सबसे ज्यादा मजा आया है. पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम के मैच को भावनात्मक तौर पर कांटे की टक्कर माना जाता है असल मायने में किसी टीम के साथ कांटे की टक्कर होती है तो वो ऑस्ट्रेलिया की टीम है. हिंदुस्तान की क्रिकेट पाकिस्तान से काफी आगे निकल चुकी है. खैर, 2023 वर्ल्ड कप में भारत के पहले मैच पर आते हैं. क्या आप जानते हैं कि 1983 और 2011 में जब भारतीय टीम ने खिताब जीता तब उसने अपने अभियान की शुरूआत कैसे की थी. इस सवाल का जवाब है जीत के साथ. उन यादों को ताजा करते हैं.
2011 में बांग्लादेश को पहले मैच में हराया था
यूं तो बांग्लादेश की टीम भारत के मुकाबले हमेशा से कमजोर रही है. लेकिन 2011 विश्वकप में भारत बनाम बांग्लादेश का मैच काफी खास हो गया था. भारत का ये पहला मैच था.. इसकी पृष्ठभूमि में 2007 वर्ल्ड कप का वो मैच था जब बांग्लादेश ने उलटफेर करते हुए भारतीय टीम को हरा दिया था. वो वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज में खेला जा रहा था. राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान हुआ करते थे. ग्रेग चैपल कोच थे. बांग्लादेश के खिलाफ हार से ना सिर्फ भारतीय टीम सन्न थी बल्कि फैंस बुरी तरह नाराज थे. हिंदुस्तान में उस हार पर बहुत बवाल हुआ था. बांग्लादेश से हार के बाद भारतीय टीम के पास एक ही रास्ता था कि वो श्रीलंका को हराए और अगले दौर में जाए. लेकिन इसके बाद भारतीय टीम श्रीलंका से भी हार गई और उसे पहले दौर से ही बाहर होना पड़ा.
हिंदुस्तान क्रिकेट के इतिहास में 2007 वर्ल्ड कप को काले पन्ने की तरह देखा गया. यही वजह थी कि 2011 में भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ काफी सतर्क थी. पहला मैच मीरपुर में था. भारत को पहले बल्लेबाजी का मौका मिला. वीरेंद्र सहवाग ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की. मिडिल ऑर्डर में विराट कोहली ने शतक जड़ा. भारत ने बांग्लादेश को 371 रन का लक्ष्य दिया. ड्यू फैक्टर ने भारतीय टीम को परेशान किया. लेकिन स्कोरबोर्ड पर एक्सट्रा रन इसीलिए जोड़े गए थे कि गेंदबाजों को बहुत ज्यादा तकलीफ ना हो. आखिरकार भारत ने वो मैच 87 रन के बड़े अंतर से जीत लिया.. मुनाफ पटेल ने 4 विकेट लिए थे. जिस ड्यू यानि ओस का जिक्र हम कर रहे हैं वो चेन्नई में भी देखने को मिलेगी. यानि टॉस आज भी बहुत क्रूशियल रहने वाला है.
1983 में वेस्टइंडीज को पहले मैच में हराया था
अब आपको लिए चलते हैं 1983 के वर्ल्ड कप की यादों में, जब कपिल देव की कप्तानी में भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप खिताब चूमा था. यूं तो क्रिकेट के खेल में इससे पहले भी कामयाबी के कुछ बड़े लम्हें देखने को मिले थे. लेकिन असल मायने में हिंदुस्तान में क्रिकेट की तस्वीर इसी वर्ल्ड कप के बाद बदली. क्रिकेट आज देश का सबसे लोकप्रिय खेल है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है. इस ताकत के पीछे 1983 के वर्ल्ड कप में मिली जीत के बाद इसकी ‘फैन-फॉलोइंग’ का बढ़ना भी है. खैर, 1983 वर्ल्ड कप में भारत ने वेस्टइंडीज को ही हराकर अपने अभियान की शुरूआत की थी. बाद में इन्हीं दोनों टीम के बीच फाइनल भी हुआ था. वो मुकाबला रिसर्व डे के दिन पूरा हुआ था.
9 जून 1983 को मैनचेस्टर में भारत बनाम वेस्टइंडीज मुकाबला शुरू हुआ. भारत ने पहले बल्लेबाजी की. यशपाल शर्मा ने सबसे ज्यादा 89 रन बनाए. यशपाल शर्मा के अलावा किसी भी भारतीय बल्लेबाज ने बड़ा स्कोर तो नहीं बनाया लेकिन हर किसी ने छोटा छोटा योगदान जरूर दिया. स्कोरबोर्ड पर 60 ओवर में 262 रन जुड़ गए. यानि वेस्टइंडीज को जीत के लिए 263 रन चाहिए थे. वेस्टइंडीज की टीम की बल्लेबाजी का ‘पैटर्न’ भी बिल्कुल भारत जैसा ही रहा. उनके बल्लेबाजों को भी अच्छी शुरूआत मिली लेकिन बड़ा स्कोर कोई नहीं बना पाया. नतीजा पूरी टीम 54.1 ओवर में 228 रन ही जोड़ पाई थी. रॉजर बिन्नी और रवि शास्त्री ने उस मैच में 3-3 विकेट लिए थे.
वैसे दिलचस्प बात ये है कि इस बार यानि 2023 में भी कहा यही जा रहा है कि फाइनल में पहुंचने की दो सबसे बड़ी दावेदार टीमें हिंदुस्तान और ऑस्ट्रेलिया की ही हैं. यानि आज जो मुकाबला क्रिकेट फैंस देखेंगे वो 2023 वर्ल्ड कप के फाइनल का रिहर्सल भी हो सकता है.