Sunday, 08 October 2023 00:00
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महादेव बेटिंग ऐप में छत्तीसगढ़ के कई बड़े पुलिस अधिकारियों, नौकरशाहों और नेताओं की संलिप्तता सामने आई है. ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि रायपुर में बेटिंग ऐप से जुड़े मामलों को दबाने के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ नेताओं और नौकरशाहों तक को मोटी रकम दी जाती थी. यह रकम लाख दो लाख नहीं बल्कि 50 लाख से भी अधिक होती थी.
महादेव बेटिंग ऐप के जरिए सट्टेबाजी को लेकर हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ईडी की अब तक की जांच में छत्तीसगढ़ के लोकल पुलिस, नौकरशाह और नेताओं की सांठगांठ का भी खुलासा हुआ है. इन पुलिसवालों, सरकारी बाबुओं और नेताओं को दुबई से हवाला के जरिए मोटी रकम छत्तीसगढ़ पहुंच रही थी.
जांच में सामने आया है कि दुबई से ये रकम पहले रायपुर में एक ज्वेलर को भेजी जाती. छत्तीसगढ़ पुलिस में एक एएसआई का साथी, रायपुर के ज्वेलरी शॉप से पैसे लेता था और फिर एपीआई जाकर रिश्वत की रकम दूसरे पुलिस अधिकारियों, सरकारी बाबू और राजनेताओं तक पहुंचाता था. सट्टेबाजी के इस गैंग में रायपुर के एक एडिशनल एसपी की संलिप्तता सामने आई है.
बताया रहा है कि एडिशनल एसपी को हर महीने 55 लाख रुपए दिए जा रहे थे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस के ड्रग्स और इंटेलिजेंस विंग में तैनात कुछ आईपीएस ऑफिसर को कुल 75 लाख रुपए हर महीने बांटे जाते थे. जैसे कोई मामला सामने आता था उसे दबाने के लिए रिश्वत की रकम बढ़ा दी जाती थी. इसके साथ-साथ छत्तीसगढ़ सीएमओ में ओएसडी पद पर तैनात कुछ बड़े अधिकारियों के भी इस नेक्सस में शामिल होने का खुलासा हुआ है.
आंध्र प्रदेश पुलिस भी कर रही है जांच
महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप में छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ-साथ आंध्र प्रदेश सरकार भी जांच में जुटी है. आंध्र प्रदेश के भी अलग-अलग शहरों में महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के कॉल सेंटर चलाए जा रहे थे. आंध्र प्रदेश पुलिस की जांच में सामने आया है कि सट्टेबाजी से जुड़ी करीब 60 वेबसाइट दुबई से चलाई जा रही थी.
दुबई में बैठकर ऑपरेट कर रहा था सौरभ चंद्राकर
इन सभी वेबसाइट को दुबई में बैठकर सौरभ चंद्राकर अपने साथियों रवि उप्पल, कपिल चेलानी और सतीश कुमार की मदद से ऑपरेट कर रहा था.साथ ही जांच में ये भी खुलासा हुआ महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिए अलग- अलग खेलों पर सट्टा लगाया जाता था. खेलों में क्रिकेट के साथ-साथ कार्ड गेम्स, चांस गेम, क्रिकेट पर सट्टा, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल, तीन पत्ती, ड्रैगन टाइगर शामिल हैं.
कैसे काम करता था महादेव ऐप, कैसे लगता था सट्टा?
दरअसल, जांच एजेंसी को गच्चा देने के लिए बेहद शातिराना अंदाज में पंटरों (यूजर्स) से न सिर्फ बेट लगवाई जाती थी बल्कि पैसे भी अलग-अलग तरीके से उन तक पहुंचाए जाते थे. महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप ढेरों वेबसाइट के चैट रूम और अलग-अलग चैट एप्लीकेशन पर ग्रुप चैट रूम मेंटेन करती थी. महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप पर एक नंबर शेयर किया जाता था जिस पर सिर्फ व्हाट्सऐप एप्लीकेशन के जरिए ही संपर्क होता था.
दूसरे नंबर का इस्तेमाल रकम के लिए
जब यूजर्स एक बार इस नंबर पर संपर्क करता था तो उसे दो अलग-अलग नंबर दिए जाते थे. एक नंबर पर संपर्क करके पैसा लगाया जाता था और पॉइंट आईडी इकट्ठा की जाती थी जो कि यूजर्स की ओर से वेबसाइट पर बनाई जाती थी. दूसरे नंबर का इस्तेमाल जीत की रकम को कैश में तब्दील करने के लिए किया जाता था. इसके जरिए ही पैसे को लेकर लोगों से बातचीत होती थी.