Tuesday, 12 December 2023 00:00
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आज भी इस उपभोक्ता का दिसंबर माह तक बिल ₹46239 है। हैरानी की बात है किस बात की जानकारी विभाग के सभी आला अधिकारियों को है, लेकिन कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अंतर्गत सुर्खियों में रहने वाले चिनहट डिवीजन, लेसा का एक और नया कारनामा प्रकाश में आया है- यह मामला तब प्रकाश में आया है जब प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना OTS के कारण आए दिन कोई ना कोई विकेट गिर रहा है अभी तक इस योजना के चक्कर में कई अधीक्षण अभियंता/अधिशासी अभियंता उपखंड अधिकारी और अवर अभियंता का या तो निलंबन हो गया है या चेतावनी पत्र जारी हो गया है यहां तक अभी हाल में ही 31 निविदा कर्मियों की सेवा भी समाप्त कर दी गई है वह इस आरोप में की उन्होंने बिजली बिल की कम वसूली की है ...राजस्व वसूली में लापरवाही के कारण यह सेवा समाप्त की गई है, जबकि निविदा कर्मचारियों राजस्व उसूली करने का कोई अधिकार ही नहीं है फिर इस आरोप में कैसे सेवा समाप्त कर सकता है ?
ताजा मामला चिनहट डिवीजन का है जहां पर निजामिया समिति नामक मदरसा मदरसा दारूलउलूम, निजामपुर, मल्हौर, चिनहट लखनऊ का है, जिसका 4 KW का LMV1 टैरिफ में बिल एक ही माह में दो-दो बार बिल बना दिया गया.. पहली बार दिनांक 5 अगस्त 2023 को जो बिल बनाया गया, इस बिल में पूर्व रीडिंग 50288 जो कि 01 जुलाई 2023 को लिया गया था और वर्तमान रीडिंग 54169, जो कि 01 अगस्त 2023 को लिया गया था, जिसका बिल नंबर 56831444 4596 है, इस बिल के अनुसार उपभोक्ता को ₹112259.00 जमा करना था,यह बिल जमा करने की अंतिम तिथि 19 अगस्त 2023... लेकिन अंतिम तिथि खत्म होने के बाद विभाग ने उपभोक्ता का संयोजन नहीं काटा बल्कि अंतिम तिथि निकलने से दो दिन बाद ही एक और बिल विभाग ने जारी कर दिया, जिसमे पूर्व रीडिंग 2258 जो कि 01 मई 2023 को लिया गया था और वर्तमान रीडिंग 54210 था,जो कि 23 अगस्त 2023 को लिया गया था, जिसका बिल नंबर 56134580407 है, इस बिल के अनुसार उपभोक्ता को ₹49487.00 जमा करना था,यह बिल जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2023 था... हैरानी की बात यह कि इन दोनों हालात में मीटर संख्या में कोई परिवर्तन नही हुआ, यह दोनों बिल जब बना था तब और आज GOEGP7088123 नंबर का मीटर लगा हुआ है।
आज भी इस उपभोक्ता का दिसंबर माह तक बिल ₹46239 है। हैरानी की बात है किस बात की जानकारी विभाग के सभी आला अधिकारियों को है, लेकिन कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
इस प्रकार के बिल बनने की जिम्मेदारी किसकी है किसके ऊपर विभाग कार्रवाई करेगा यह.. बात बात पर कार्रवाई करने का दावा करने वाले अध्यक्ष महोदय क्या इसका वह संज्ञान में लेंगे? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।