Wednesday, 15 November 2023 00:00
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देश के बड़े औद्योगिक घराने सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा का निधन हो गया है। उद्योग जगत में सहारा के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है। सहारा प्रमुख के चीफ का निधन मुंबई में हुआ। उन्होंने 75 साल की आयु में अंतिम सांस ली।
सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार (15 नवंबर) को लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा. उद्योग जगत में सहारा के निधन से शोक की लहर दौड़ गई है।
कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से जान गई है.कंपनी ने आगे कहा कि 12 नवंबर को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने 14 नवंबर की रात के साढ़े 10 बजे आखिरी सांस ली. सहारा ग्रुप के चेयरमैन रॉय का पार्थिव शरीर यूपी के लखनऊ में बुधवार (15 नवंबर) को लाया जाएगा.
बताया गया है कि सुब्रत रॉय लंबे समय से डायबिटीज, हाइपरटेंशन और metastatic malignancy से ग्रसित चल रहे थे। उन्हीं बीमारियों की वजह से उनकी सेहत बिगड़ती चली गई और 75 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
अखिलेश यादव क्या बोले?
अखिलेश यादव ने कहा कि सहारा श्री सुब्रत रॉय जी का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति है क्योंकि वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदयवाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की उनका सहारा बने. भावभीनी श्रद्धांजलि!
शिवपाल यादव क्या बोले?
समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''सहारा श्री सुब्रत राय सहारा जी का निधन, अत्यंत दुःखद. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को ये असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो. भावभीनी श्रद्धांजलि !''
समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने एक्स पर दुख जताया. उन्होंने कहा, ''सहाराश्री सुब्रत रॉय जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है. ईश्वर दिवंगत की आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें. भावपूर्ण श्रद्धांजलि!''
जानकारी के लिए बता दें कि सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया में हुआ था। कोलकाता में उनकी शुरुआती शिक्षा हुई थी और उसके बाद गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से उन्होंने मेडिकल इंजीनियरिंग की अपनी पढ़ाई पूरी की थी। उनके जानने वाले बताते हैं कि सुब्रत रॉय बचपन से ही पढ़ाई में ज्यादा तेज नहीं थे, लेकिन दूसरे कामों में उनका पूरा मन लगता था। हमेशा से लीक से हटकर काम करने के लिए वे जाने जाते थे।
यहां ये समझना जरूरी है कि सहारा कंपनी बनाने से पहले सुब्रत रॉय को काम करने का एक लंबा अनुभव था। उन्होंने काफी संघर्ष और मेहत करने के बाद वो मुकाम हासिल किया था। सहारा को बनाने से पहले सुब्रत ने 18 सालों तक रियल एस्टेट में काम किया, उन्हें बिजनेस चलाने का भी 32 साल का एक्सपीरियंस रहा। अब कंपनी की स्थापना तो उन्होंने कर दी थी, लेकिन समय-समय पर उनका विवादों के साथ भी एक मजबूत नाता रहा।
पटना हाई कोर्ट में कई सालों तक एक मामला लंबित रहा जहां पर कहा गया कि लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला। कहा गया था कि इन लोगों ने कंपनी की कई स्कीम्स में अपना पैसा लगाया जो बाद में डूब गया। ये अलग बात रही कि सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में सुब्रत रॉय को बड़ी राहत देने का काम किया था।