एक तरफ दिल्ली से लेकर मुंबई तक संजय सिंह की गिरफ्तारी पर बवाल हुआ. जांच एजेंसियों पर सरकार के इशारे पर काम करने के आरोप लग रहे हैं. हालांकि सरकार किसी की रही हो, जांच एजेंसियों पर विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती रही हैं. आरजेडी आईटी, ईडी और सीबीआई को बीजेपी के तीन जमाई बताती रही है.
देश में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और इनकम टैक्स की टीम ने कई जगह छापेमारी की है. अलग-अलग मामलों में छापेमारी की गई है. ईडी ने पश्चिम बंगाल में ममता कैबिनेट में खाद्य मंत्री रथिन घोष के घर पहुंची. यहां कम से कम 13 जगहों पर रेड की गई है. वहीं, इनकम टैक्स चोरी के मामले में आईटी डिपार्टमेंट की टीमों ने तमिलनाडु में 40 से ज्यादा लोकेशंस पर रेड की. डीएमके सांसद एस जगतरक्षकन के घर और ठिकानों पर छापेमारी की गई. तेलंगाना में BRS विधायक मगंती गोपीनाथ से संबंधित ठिकानों पर छापे पड़े. साथ ही साथ कर्नाटक में डीसीसी बैंक के चेयरमैन मंजूनाथ गौड़ा के शिवमोगा स्थित आवास पर भी ईडी ने छापेमारी की.
बीते दिन आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह के घर ईडी ने छापेमारी की और उनसे कई घंटों पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने संजय सिंह को पांच दिन की रिमांड पर भेजा है. इस बीच विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है.
एक तरफ दिल्ली से लेकर मुंबई तक संजय सिंह की गिरफ्तारी पर बवाल हुआ. प्रियंका गांधी ने पूछा कि ईडी की कार एमपी कब पहुंचेगी. अखिलेश यादव ने कहा कि CBI, ED और IT बीजेपी के प्रकोष्ठ हैं. केवल विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है. ठीक है मान लिया, ऐसा हो सकता है. ये जो आज देश के एक बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान पर छापे पड़े हैं ये क्या हैं? देश के बड़े सेलिब्रिटीज को ED ने समन किया है. उसके पीछे कौन सी राजनीति है, कौन सा बदला है? दरअसल, छापेमारी का पूरा मामला अब NDA बनाम INDIA गठबंधन का बन चुका है. आइए आपको बताते हैं कि UPA और NDA सरकार के दौरान CBI-ED के कितने एक्शन हुए हैं?
यूपीए और एनडीए शासनकाल में इतने नेताओं पर
जांच एजेंसियों पर सरकार के इशारे पर काम करने के आरोप लगते रहे हैं, ऐसे में आपके लिए यूपीए और एनडीए सरकार के दौरान सीबीआई के एक्शन के आंकड़े देखना जरूरी है. यूपीए के 2004 से 2014 के 10 साल के शासनकाल में 72 नेताओं की जांच हुई. इनमें विपक्ष के 43 नेता थे, यानी 60 फीसदी. वहीं, एनडीए के 2014 से 2022 तक के शासन में 124 नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने जांच की. इनमें 124 नेता विपक्ष के थे यानी 95 परसेंट.
यूपीए और एनडीए के दौरान सीबीआई ने कितने मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, सांसदों और विधायकों पर कार्रवाई की? यूपीए सरकार के 2004 से 2014 तक के कार्यकाल में सीबीआई ने विपक्ष के 4 पूर्व सीएम, 2 मंत्री, 13 सांसद, 3 पूर्व सांसद, 15 विधायक और 1 पूर्व विधायक की जांच की, जबकि कार्रवाई के नाम पर 12 गिरफ्तारियां, 30 चार्जशीट, 6 क्लोजर रिपोर्ट, 6 दोषी और 7 बरी हुए.
एनडीए सरकार में 2014 से 2022 तक विपक्ष के नेताओं पर सीबीआई ने 1 सीएम, 12 पूर्व सीएम, 10 मंत्री, 34 सांसद, 6 पूर्व सांसद, 27 विधायक और 10 पूर्व विधायक की जांच की, जबकि कार्रवाई के नाम पर 22 गिरफ्तारियां, 43 चार्जशीट, 1 क्लोजर रिपोर्ट, 1 दोषी और शून्य बरी हुए.
स्टालिन के घर पर छापे
- 2013 में यूपीए से बाहर निकली डीएमके
- 2 दिन बाद CBI का एम के स्टालिन के घर पर छापा
- लग्जरी कार की खरीद के मामले में हुई छापेमारी
- छापे से 1 महीने पहले DRI ने CBI को सूचना दी थी
- मुलायम सिंह जांच के दायरे में आए
- 2007 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ जांच
- आय से अधिक संपत्ति मामले की CBI जांच
- 2008 में समाजवादी पार्टी ने यूपीए की सरकार बचाई
- 2013 में मुलायम के खिलाफ केस बंद
नारदा स्टिंग केस मामला
- 2021 में नारदा स्टिंग केस में CBI की चार्जशीट
- चार्जशीट में सुवेंदु अधिकारी, मुकुल रॉय के नाम नहीं
- बीजेपी में शामिल होने की वजह से रियायत का आरोप
- मुकुल रॉय बीजेपी छोड़ टीएमसी में लौटे
- आरजेडी नेताओं के घरों पर छापे
- 2022 में जेडीयू ने एनडीए का साथ छोड़ा
- बिहार में जेडीयू और आरजेडी ने सरकार बनाई
- विश्वास मत वाले दिन CBI की छापेमारी
- तेजस्वी समेत आरजेडी नेताओं के घरों पर छापे
जांच एजेंसियों पर विपक्षी पार्टियां लगाती रहीं आरोप
सरकार किसी की रही हो, जांच एजेंसियों पर विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती रही हैं. यूपीए सरकार के दौरान बीजेपी सीबीआई को कांग्रेस जांच ब्यूरो और पिंजरे में बंद तोता कहती थी, तो अब विपक्षी पार्टियां खासकर आरजेडी आईटी, ईडी और सीबीआई को बीजेपी के तीन जमाई बताती रही है.
अब आपको ईडी के एक्शन के आंकड़े बताते हैं. यूपीए के दौरान 2005 से 2014 तक और एनडीए के दौरान 2015 से 2022 तक ईडी ने क्या कार्रवाई की? तो PMLA के तहत ईडी ने यूपीए के दौरान 112 छापे मारे, जबकि एनडीए के दौरान 3010 छापेमारी हुई. यूपीए के दौरान PMLA के तहत 104 मुकदमे दर्ज हुए, तो एनडीए के दौरान PMLA के तहत 888 मुकदमे दर्ज हुए.
ED के रेडार पर विपक्ष के नेता
- राहुल गांधी
- सोनिया गांधी
- रॉबर्ट वाड्रा
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
- डीके शिवकुमार
- चरणजीत सिंह चन्नी
- कार्ति चिदंबरम
- पी चिदंबरम
- महबूबा मुफ्ती
- फारूक अब्दुल्ला
- उमर अब्दुल्ला
- अनिल देशमुख
- प्रफुल्ल पटेल
- संजय राउत
- अनिल परब