Sunday, 10 December 2023 00:00
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पूर्वांचल-डिस्कॉम में एक करोड़ तीन लाख लोगों पर करीब 17 हजार 140 करोड़ बकाया है। 2637 प्राइवेट संस्थानों पर 34 करोड़, 11630 स्माल इंडस्ट्रीज पर 484 करोड़, तीन किलोवाट वाले दो लाख उपभोक्ताओं पर 2440 करोड़, तीन किलोवाट से ज्यादा भार वाले 25 हजार उपभोक्ताओं पर 570 करोड़ रुपया बकाया है। एक किलोवाट वाले 40 लाख उपभोक्ताओं पर 9844 करोड़, दो किलोवाट वाले 61 लाख उपभोक्ताओं पर 3753 करोड़ बकाया है।
वाराणसी। आठ नवंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर तक चलने वाले ओटीएस योजना की खराब प्रगति और अब तक अपेक्षित राजस्व नहीं आने पर प्रबन्ध निदेशक शंभु कुमार नराज चल रहे हैं, जिसके कारण एक ही झटके में पूर्वांचल-डिस्कॉम के अधीन 21 जनपदों में कार्यरत 11 अवर अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जबकि 41 को चार्जशीट व 60 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
शुक्रवार को लखनऊ में अध्यक्ष. पावर कारपोरेशन के साथ हुई बैठक के बाद प्रबन्ध निदेशक शंभु कुमार के तेवर कड़े हुए। उन्होंने 17 उपखण्ड अधिकारीयों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही तीन पर निलंबन की कार्रवाई की है। एक अधिशासी अभियंता को भी निलंबित किया और नौ अधीक्षण अभियंताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इतने करोड़ हैं बकाया
बताते चले कि पूर्वांचल-डिस्कॉम में एक करोड़ तीन लाख लोगों पर करीब 17 हजार 140 करोड़ बकाया है। 2637 प्राइवेट संस्थानों पर 34 करोड़, 11630 स्माल इंडस्ट्रीज पर 484 करोड़, तीन किलोवाट वाले दो लाख उपभोक्ताओं पर 2440 करोड़, तीन किलोवाट से ज्यादा भार वाले 25 हजार उपभोक्ताओं पर 570 करोड़ रुपया बकाया है। एक किलोवाट वाले 40 लाख उपभोक्ताओं पर 9844 करोड़, दो किलोवाट वाले 61 लाख उपभोक्ताओं पर 3753 करोड़ बकाया है।
पूर्वांचल-डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक शंभु कुमार का प्रयास है कि इन सभी को ओटीएस योजना में सम्मिलित करते हुए बकाये की वसूली के साथ उपभोक्ताओं को राहत दी जाए। प्रबन्ध निदेशक शंभु कुमार के मुताबिक कई उपकेंद्र के अवर अभियन्ता और उपखण्ड अधिकारी इस कार्य में कम रुचि लिए, उनकी प्रगति मात्र एक से तीन प्रतिशत तक रही। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
कारण बताओ नोटिस जारी
वाराणसी द्वितीय जोन और मीरजापुर जोन के मुख्य अभियन्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बस्ती के अधीक्षण अभियंता को चार्जशीट, गोरखपुर जोन के दो, मीरजापुर के दो, प्रयागराज जोन-द्वितीय जोन के दो और वाराणसी जोन-द्वितीय के एक अधीक्षण अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उधर, डिस्कॉम के 31 अधिशासी अभियंताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पांच पर चार्जशीट व दो के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। इस कार्रवाई से हड़कंप मचा है।
मीटर रीडरों की कमी से बिलिंग प्रभावित
उपभोक्ताओं के यहां बिल नहीं पहुंच पाने के पीछे सबसे बड़ी वजह मीटर रीडरों की कमी व विभागीय मॉनिटरिंग का अभाव है। इन पर निगरानी रखने के लिए किसी स्वतंत्र अधिकारी की तैनाती न होना भी एक प्रमुख कारण है। आंकड़ों पर गौर करें तो शहरी सर्किल प्रथम में 122 मीटर रीडर हैं जबकि 155 संख्या होनी चाहिए। वहीं द्वितीय सर्किल के 22 उपकेंद्रों के अधीन 62 मीटर रीडर हैं जबकि, इनकी संख्या 100 होनी चाहिए।
बिलिंग एजेंसियों के मीटर रीडर को विभाग एक से चार किलोवाट तक की प्रति बिलिंग पर आठ रुपये जबकि पांच किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं की बिलिंग पर 18 रुपये से 80 रुपये देता है। 80 रुपये में एमआरआई, प्रोब बिलिंग के साथ ही कलेक्शन चार्ज भी जुड़ा है।
परेड करानी की है तैयारी
उधर, कम बिलिंग संख्या के अलावा गुणवत्तापूर्ण बिल नहीं पहुंचने की मिल रही शिकायतों के बाद मुख्य अभियंता आनंद प्रकाश शुक्ला ने सभी खंड कार्यालयों में मीटर रीडरों की परेड करानी की तैयारी की है, ताकि कितने मीटर रीडर आ रहे हैं इसकी हकीकत पता चले। बिलिंग की दो एजेंसियां यहां लगाई गई हैं उनमें हैदराबाद की मेसर्स एसटर्लिंग के अलावा आगरा की मेसर्स इंवेंटिव सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड है।