Monday, 13 November 2023 00:00
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नो डिस्प्ले बताकर बिजली मीटर बदलने का 'खेल' अब शायद ही हो पाए। बिजली निगम के नगरीय परीक्षण खण्ड में एक ऐसा लैब विकसित कर दिया जिसमें नो डिस्प्ले वाले मीटरों से रीडिंग निकाल ली जाएगी। लैब ने दो दिन पहले ट्रायल के दौरान ही दो नो डिस्प्ले मीटरों से रीडिंग निकालकर 'खेल' करने वालों को मायूस कर दिया है।
दोनों मीटरों को बदलवाने वाले उपभोक्ताओं के बिल में 21544 और 14567 यूनिट रीडिंग चार्ज की गई। कुछेक उपभोक्ता, मीटर रीडरों की मिलीभगत से मीटर में रीडिंग स्टोर कर नो डिस्प्ले कराकर मीटर बदल कर निगम को राजस्व की चपत लगाते हैं। इस तरह के सैकड़ों मामले पकड़े जा चुके है।
महानगरीय वितरण मण्डल में हर माह 250 से 300 बिजली मीटरों को नो डिस्पले दिखाकर बदला जाता है। बीते दिनों सुपरवाइज बिलिंग की जांच में 238 घरों-प्रतिष्ठानों में 47 लाख यूनिट बिजली स्टोर मिली। इससे के बाद अफसरों ने आनन-फानन में रीडिंग स्टोर पर अंकुश लगाने के लिए कई क्षेत्रों के मीटर रीडरों के क्षेत्र में बदलाव कराया। मीटर बदलने में खेल करने वाले जूनियर मीटर टेस्टरों के खिलाफ कार्रवाई व उनकी निगम विरोधी कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाया जा सके।
मीटर कंपनियों के सहयोग से लगे उपकरण
मुख्य अभियंता ई. आशु कालिया के मुताबिक मीटर निर्माता कंपनियों निगम को अत्याधुनिक उपकरण मुहैया कराया। जो नो डिस्प्ले मीटरों की रीडिंग बता देंगी। नगरीय परीक्षण खण्ड में लैब बनाया गया। हाल ही में उतरे ऐसे 2 मीटरों को ट्रायल के लिए लैब भेजा।
लैब में उपभोक्ताओं को भी बुलाया और उनके सामने मीटर का चिप निकालकर उपकरण में लगाया गया। इस खास तरह के उपकरण ने फौरन ही रीडिंग सामने ला दी। लैब के सही तरीके से काम करने के बाद अब अभियंताओं ने तय किया है जो भी मीटर नो डिस्प्ले में बदले जाएंगे। उनकी जांच लैब में कराई जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।