यदि किसी कारण बिजली का बिल ₹57000.00 उपभोक्ता का पहुंच गया और रिकवरी टीम पैसा वसूलने के लिए उसके घर गई, इसके उपरांत ₹20000.00 उपभोक्ता द्वारा रिकवरी टीम को दिया जा रहा था को दिया जा रहा था तो 25% जमा करने का विभाग की नियमावली का पालन क्यों नहीं किया गया, यदि वह पैसा जमा कर लिया जाता तो आज उपभोक्ता द्वारा बिजली चोरी करने की कोई नौबत आती ही नहीं बिजली पानी सबका मौलिक अधिकार है इसके बगैर कोई भी जीवन यापन नहीं कर सकता... यदि आज उपभोक्ता के साथ इस प्रकार का अन्याय हो रहा है तो सर्वप्रथम दोषी अवर अभियंता की रिकवरी टीम है..
लखनऊ। चिनहट डिवीजन अंतर्गत सतरिख रोड निवासी श्रीमती सरोज कश्यप अपने घर के कटे कनेक्शन को जुड़वाने के लिए फरवरी माह से लग रही है चक्कर। बताते चलें कि श्रीमती सरोज कश्यप का परिवार पति के देहांत के बाद आर्थिक तंगी से गुजर रहा था जिसके कारण समय पर बिजली का बिल का भुगतान नहीं कर सकी नतीजा उनका बिजली का बिल ₹57000.00 हो गया। इतना अधिक बिल होते देख विभाग हरकत में आया, और आनन फानन में तत्कालीन अवर अभियंता की अगुवाई में रिकवरी/विच्छेदन टीम पहुंच गई उसके घर की लाइट काटने के लिए... लाइट कटता देखकर उपभोक्ता ने किसी तरह ₹20000.00 देने की बात स्वीकार की, लेकिन रिकवरी टीम द्वारा पूरा पैसा जमा करने की बात कहते हुए घर का कनेक्शन काट दिया जाता है।
आखिर यह नौबत क्यों आई
कनेक्शन काटने के उपरांत बिजली पानी की दिक्कत देखते हुए उपभोक्ता द्वारा बिजली संयोजन को किसी लाइनमैन के द्वारा ₹500.00 देकर जुड़वा लिया जाता है, लेकिन उपभोक्ता की किस्मत खराब रही... कटिया लगाने के उपरांत विजिलेंस की टीम अपना सब कुछ काम धाम छोड़कर सिर्फ एक घर में जो कि उपभोक्ता का था पहुंच गई और रंगे हाथ बिजली चोरी करते हुए पकड़ लिया गया, जिसके कारण कटिया भी उतर गई।
कर निर्धारण का अता पता नहीं
5 जुलाई 2023 को विजलेंस ने उपभोक्ता के घर छापा मारा था, लेकिन 5 फरवरी से लेकर 20 जुलाई तक उपभोक्ता ने सैकड़ो की संख्या में चिनहट डिवीजन का चक्कर लगाया अधिकारियों/कर्मचारियों के हाथ पैर जोड़े, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हुई।
फरिश्ते के रुपए प्रकट हुआ निविदा कर्मचारियों पवन सिंह
चिनहट डिवीजन के सैकड़ो चक्कर लगाने के उपरांत अचानक एक निविदा कर्मचारी जिसने अपना नाम पवन सिंह द्वारा अपने आप को विभागीय कर्मचारी बताते हुए बताया कि आपके ऊपर कुछ जुर्माना लगा है उसकी अदा कर दीजिए कनेक्शन आपका जोड़ दिया जाएगा... उसके उपरांत उपभोक्ता द्वारा लगातार पवन सिंह के संपर्क में रहे इस दौरान पवन सिंह द्वारा मौखिक रूप से बताया गया कि आपका कर निर्धारण ₹140000 रुपए किया गया है, जबकि वास्तव में उसका कारण निर्धारण ₹40988 रुपए ही था जिस पर उपभोक्ता ने उपरोक्त राशि देने में असमर्थथा जताई, और पवन सिंह से कुछ बिल कम करने का निवेदन किया, इसके उपरांत पवन सिंह ने कहा कि यदि आप ₹80000 दे दो, तो सारा मामला खत्म हो जाएगा और आपके कनेक्शन को जोड़ दिया जाएगा.. लेकिन उपभोक्ता यह भी राशि देने के लिए तैयार नहीं हो पाया क्योंकि वह खुद ही असमर्थ था अगर यह पेमेंट होता तो बिल न जमा कर देता, खैर उपभोक्ता के बार-बार निवेदन पर पवन सिंह ने ₹40000 की मांग की, जिस पर उपभोक्ता द्वारा एक बार में 20 और दूसरे दिन ₹25000 नगद पवन सिंह को दिया, पवन सिंह द्वारा जल्द उसके काम करने का भरोसा दिया... 2 दिन के उपरांत जब उपभोक्ता ने निविदा कर्मचारियों पवन सिंह से कनेक्शन जोड़कर मीटर लगाने की बात कही... पवन सिंह द्वारा खुद जोड़ लेने की बात कही और कहा मीटर दो-चार दिन में लग जाएगा।
निविदा कर्मचारी पवन सिंह की बातों में आकर उपभोक्ता ने अपने घर की लाइट को जुडा लिया और मीटर लगने का इंतजार करने लगा... कुछ दिन के उपरांत एक बार फिर विजिलेंस द्वारा उपभोक्ता को बिजली चोरी करते हुए पकड़ लिया जाता है, इसके उपरांत यह पता चलता है कि उक्त पवन सिंह द्वारा कर निर्धारण की कोई भी राशि विभाग में जमा ही नहीं की, लिहाजा इस बार उसका कर निर्धारण ₹1,56,072.00 बनाया गया, तब उपभोक्ता को पहली बार एहसास हुआ की उपरोक्त कर्मचारी पवन सिंह ने हमारे साथ ठगी का काम किया है।
अधिशासी अभियंता भी नहीं कर सके कुछ
उपरोक्त सभी मामले को लेकर जब उपभोक्ता ने एक बार फिर अधिशासी अभियंता से संपर्क किया और पवन सिंह के कारनामे को बताया, तो अधिशासी अभियंता द्वारा बताया गया कि इस मामले में हम कुछ नहीं कर सकते हैं आपकी स्थिति को देखते हुए बहुत ज्यादा हम यह कर सकते हैं की दूसरा कर निर्धारण जो बना हुआ है उसको आप जमा कर दिन पहले वाला हम माफ कर देंगे।
अधिशासी अभियंता ने नहीं किया करवाई
अधिशासी अभियंता द्वारा अपने ही निविदा कर्मचारियों से इस प्रकार द्वारा इस प्रकार से ठगी का मामला प्रकाश में आने के बाद संबंधित निविदा कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, न हीं इसके बारे में अपने उच्च अधिकारियों को सूचित किया जिसके कारण आज भी वह कर्मचारी उपरोक्त डिवीजन में अपने शिकार को तलाशते रहता है।
अभी तक उपभोक्ता को नहीं मिला न्याय
परेशान विधवा महिला अपने साथ हुए घटना की जानकारी ऊर्जा मंत्री से लेकर अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन, राज महिला आयोग की अध्यक्ष, प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग, मुख्य अभियंता लेसा ट्रांस गोमती, प्रबंध निदेशक मध्यांचल, अधीक्षक अभियंता द्वितीय व गोमती नगर विस्तार के थाना प्रभारी को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने क्या निवेदन किया लेकिन उपभोक्ता को कहीं से भी न्याय नहीं मिल सका।
फर्जी मुकदमे में फसाने की दिया धमकी
उपभोक्ता द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई करते देखा निविदा कर्मचारियों पवन सिंह द्वारा उपभोक्ता को फर्जी मामले में फसाने की धमकी देती में कहा कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता हम प्रबंध निदेशक से लेकर मुख्य अभियंता तक उनके घर का काम करते हैं।
समाचार लिखे जाने तक उपभोक्ता के घर की लाइट आज तक नहीं जुड़ी, न हीं धोखे से जमा कराया गया पैसा वापस मिला, नाही विभाग द्वारा उपरोक्त संविदा कर्मचारी पवन सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।
आखिर यह नौबत क्यों आई?
यदि किसी कारण बिजली का बिल 57000 उपभोक्ता का पहुंच गया और रिकवरी टीम पैसा वसूलने के लिए उसके घर गई, इसके उपरांत ₹20000 उपभोक्ता द्वारा रिकवरी टीम को दिया जा रहा था को दिया जा रहा था तो 25% जमा करने का विभाग की नियमावली का पालन क्यों नहीं किया गया, यदि वह पैसा जमा कर लिया जाता तो आज उपभोक्ता द्वारा बिजली चोरी करने की कोई नौबत आती ही नहीं बिजली पानी सबका मौलिक अधिकार है इसके बगैर कोई भी जीवन यापन नहीं कर सकता... यदि आज उपभोक्ता के साथ इस प्रकार का अन्याय हो रहा है तो सर्वप्रथम दोषी अवर अभियंता की रिकवरी टीम है... उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन कहीं यह नहीं कहता की निविदा कर्मचारियों से राजस्व की वसूली करें... लेकिन इसका पालन कोई भी पावर हाउस नहीं करता है ना ही विभाग इस पर कोई आपत्ति करता है...नतीजन इस प्रकार के निविदा कर्मचारी उपभोक्ताओं को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं।
खैर चिनहट डिवीजन में तैनात निविदा कर्मचारियों पवन सिंह के कारनामे की लिस्ट बहुत लंबी है, बहुत जल्द इस उपभोक्ता के साथ-साथ अन्य उपभोक्ता से जुड़ी खबरों का वीडियो रिपोर्ट आपके सामने प्रस्तुत होगा... बने रहिए आवाज प्लस के साथ।