Tuesday, 14 November 2023 00:00
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मध्य प्रदेश में कांग्रेस और जेडीयू का साझा उम्मीदवार दो सीटों पर चुनाव लड़ेगा ये पहले से तय था लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस ने इसमें भांजी मारकर जेडीयू को नाराज कर दिया है. इसके बाद आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार के घर जाकर समझाना पड़ा था और लालू की मध्यस्थता के बाद ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार को फोन कर मनाने की कोशिश भी की थी.
कांग्रेस से सिर्फ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ही नाराज नहीं हैं बल्कि जेडीयू भी कांग्रेस की ओर से एमपी में की गई वादाखिलाफी से नाराज है. जेडीयू की कांग्रेस के साथ दो सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात तय थी लेकिन कांग्रेस ने ऐन वक्त पर हर जगह उम्मीदवार की घोषणा कर जेडीयू के अरमानों पर पानी फेर दिया. यही वजह है कि कांग्रेस से नाराज नीतीश कुमार ने लेफ्ट की मीटिंग में कांग्रेस के खिलाफ गठबंधन को लेकर सीरियस नहीं होने का आरोप मढ़ दिया था. कांग्रेस ने मामले को बिगड़ता देखकर राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का आगे किया और नीतीश से बात कराकर मामले को शांत करने की कोशिश की.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और जेडीयू का साझा उम्मीदवार दो सीटों पर चुनाव लड़ेगा ये पहले से तय था लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस ने इसमें भांजी मारकर जेडीयू को नाराज कर दिया है. जेडीयू के एमपी के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा एक और सीट पर जेडीयू ज्वाइंट उम्मीदवार उतारने को तैयार थी लेकिन कमलनाथ द्वारा हर सीट पर उम्मीदवार की घोषणा के बाद जेडीयू भी समाजवादी पार्टी की तरह लाल हो गई थी. जेडीयू की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष को फोन कर शिकायत करने की कोशिश भी की थी लेकिन सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, ललन सिंह के फोन को उठाने से बचते रहे. ज़ाहिर है आग बबूला ललन सिंह ने इसकी शिकायत आरजेडी के युवराज तेजस्वी यादव से की और लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतने की बात कह बात को टाला गया.
नीतीश ने कांग्रेस को बताया नॉन सीरियस
ज़ाहिर है कांग्रेस के रवैये से नाराज नीतीश कुमार से जब रहा नहीं गया तो पिछले दिनों लेफ्ट पार्टी की मीटिंग में उन्होंने कांग्रेस को सवालों के घेरे में लिया और गठबंधन को लेकर नॉन सीरियस होने का आरोप लगाकर कांग्रेस में बेचैनी बढ़ा दी थी. यही वजह है कि इसके बाद आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार के घर जाकर समझाना पड़ा था और लालू की मध्यस्थता के बाद ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार को फोन कर मनाने की कोशिश भी की थी.
जेडीयू के साथ भी कांग्रेस की वादाखिलाफी क्यों ?
समाजवादी पार्टी के साथ भी कांग्रेस की 6 सीटों पर डील हुई थी लेकिन कमलनाथ के ही मना करने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेता अपनी बातों से पीछे हट गए थे. ज़ाहिर है इसके बाद अखिलेश यादव का गुस्सा बाहर भी आया था और यूपी में कांग्रेस के साथ इसी तरह के व्यवहार करने को लेकर सपा सुप्रीमो कई बार धमकी भी दे चुके हैं. ज़ाहिर है ऐसा ही बिहार में भी कांग्रेस के साथ रवैया अपनाने को लेकर जेडीयू ने तैयारी कर रखी है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आठ से नौ सीटों की मांग लोकसभा चुनाव में बिहार में करने वाली है लेकिन एमपी में हुए प्रकरण के बाद कांग्रेस खेमा भी मानकर चल रहा है कि जेडीयू चार से ज्यादा सीटों पर हामी भरने नहीं जा रही है.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने गुस्से का इजहार तेजस्वी यादव से बातचीत के बाद कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक जेडीयू ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को एमपी में करारा जवाब देने की तैयारी कर रखी है. ऐसे में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो पाएगा, इसको लेकर बिहार में भी कई तरह की आशंकाएं हैं.
इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग क्यों बन गई है समस्या ?
बिहार में आरजेडी की वजह से लोकसभा चुनाव में समस्या का निपटारा हो जाए ऐसा मुमकिन है. लेकिन उत्तर प्रदेश,पश्चिम बंगाल और केरल में समस्याओं के निपटारे को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी का रवैया भी पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर हैरान करने वाला है. आम आदमी पार्टी के मुखिया अलग-अलग राज्यों का भ्रमण कर कांग्रेस के खिलाफ आग उगल रहे हैं. ज़ाहिर है 28 दलों वाली पार्टियों के गठबंधन की कलई पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में खुल गई है. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले 28 दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कैसे सहमति बनेगी इसको लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं.