Wednesday, 08 November 2023 00:00
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार नियुक्ति और तबादलों में भी अपनी पसंद से चुन-चुनकर फैसले लेती है, यह सेलेक्टिव अप्रोच उचित नहीं है. 14 सिफारिशें लंबित हैं जिन पर सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. कॉलेजियम ने कम से कम पांच नाम तो दूसरी बार भेजे हैं, जिन पर सरकार खामोश है.
जजों की नियुक्ति के मामले में कॉलेजियम की सिफारिश में केंद्र सरकार की ओर से देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नाराजगी जताई है. शीर्ष अदालत ने कहा कि कॉलेजियम की सिफारिशों, दोहरावों पर केंद्र का बैठना अस्वीकार्य है. हमें आपके लिए अप्रिय निर्णय लेने के लिए मजबूर न करें. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि उठाओ और चुनो का दृष्टिकोण न अपनाएं. केंद्र का दृष्टिकोण जजों की वरिष्ठता को प्रभावित कर रहा है. अदालत मामले में अगली सुनवाई 20 नवंबर को करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों के ट्रांसफर की भी सूची लंबी है, उसमें 15 नाम अभी भी लंबित हैं. सरकार नियुक्ति और तबादलों में भी अपनी पसंद से चुन-चुनकर फैसले लेती है, यह सेलेक्टिव अप्रोच उचित नहीं है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि योग्य वकीलों को जज बनाने की सिफारिश हमने बंद कर दी क्योंकि सरकार उनके नाम क्लियर नहीं करती, तो वह कब तक अपनी प्रैक्टिस रोक कर रखें?
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि तीन-तीन, चार-चार साल से नाम लंबित हैं. आप विधि सचिव को अदालत में तलब कीजिए. उनसे जवाब लीजिए वरना समस्या का हल नहीं निकलेगा. जस्टिस कौल ने कहा कि यह मुद्दा आम लोगों के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी वाला है इसलिए यह अदालत इस मामले में दखल दे रही है.
14 सिफारिशें लंबित हैं जिन पर सरकार चुप है- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 14 सिफारिशें लंबित हैं जिन पर सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हाल ही की कुछ सिफारिशों पर सरकार ने नियुक्ति कर दी हैं, लेकिन सरकार अपनी पसंद के नामों को तो नियुक्त कर देती है, यह पिक एंड चूज उचित नहीं है. कॉलेजियम ने कम से कम पांच नाम तो दूसरी बार भेजे हैं, जिन पर सरकार खामोश है. जस्टिस कौल ने नरम लहजे में सख्त बातें कहीं कि आप कॉलेजियम की सिफारिशों को हल्के में ले रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि हमें सख्त कदम उठाने पड़े, फिर आपके लिए असहज स्थिति हो सकती है, तब आपको शायद अच्छा न लगे.