Tuesday, 03 October 2023 00:00
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महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में शनिवार और रविवार के बीच 24 घंटों में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत हुई है।
शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि मौतें दवाओं की कमी के कारण हुईं। वहीं अस्पताल के डीन ने बताया कि मरने वाले 12 बच्चों में छह लड़कियां और छह लड़के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिन बारह व्यस्कों की मौत हुई, उनकी मौत सांप के काटने सहित विभिन्न बीमारियों के कारण हुई है। इस घटना की जांच के आदेश शिंदे सरकार ने दे दिए हैं।
80 किमी के दायरे में केवल एक अस्पताल
अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल केवल एक देखभाल केंद्र है, लेकिन मरीज विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं क्योंकि यह 70-80 किमी के दायरे में एकमात्र स्वास्थ्य देखभाल केंद्र है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या कभी-कभी संस्थान के बजट से अधिक हो जाती है और इसीलिए दवाओं की कमी होती है। इसके अलावा यह विशेष रूप से कठिन था क्योंकि कई अस्पताल कर्मचारियों को ट्रांसफर कर दिया गया था।
डीन ने बताया कि अस्पताल को हाफकिन नामक संस्थान से दवाएं खरीदनी थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मरीजों को स्थानीय दुकानों से दवाएं खरीदकर दी गईं।
विपक्ष ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता विकास लवांडे ने X पर एक पोस्ट में कहा, “नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 मौतें न केवल आपूर्ति की कमी के कारण हुईं। त्योहारों और आयोजनों का विज्ञापन करने वाली सरकार को शर्म आनी चाहिए।”
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना की और कहा, “कृपया उन्हें मौत न कहें, यह असंवैधानिक राज्य सरकार की ओर से पूर्ण लापरवाही के कारण हत्या है।” उन्होंने राज्य सरकार पर प्रभावशाली कार्यक्रमों या विदेशी यात्राओं की योजना बनाने में व्यस्त होने का आरोप लगाया और कहा कि वे भूल गए हैं कि उनका मूल काम राज्य की सेवा करना है।