Thursday, 24 August 2023 00:00
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वॉशिंगटन: भारत का चंद्रयान 3 स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर लैंड हो चुका है। ऐसा करके भारत चौथा देश बन गया है, जो चांद पर पहुंचा। इसके अलावा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला यह पहला देश है। भारत का यह पहला लैंडर है जो किसी खगोलीय पिंड पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ है। चंद्रयान ने सॉफ्ट लैंडिंग की है और स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह सुरक्षित है और काम कर रहा है। नासा के एक एंटीना ने इसकी पुष्टि की है। नासा के डीप स्पेस नेटवर्क के मैड्रिड में स्थित एंटीना ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल 14 जुलाई को चंद्रयान की लॉन्चिंग के बाद से ही नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के ग्राउंड स्टेशन इसरो को स्पेसक्राफ्ट के हेल्थ को मॉनिटर करने के लिए समर्थन दे रहे थे। चंद्रयान इस समय लगभग 3.84 लाख किमी दूर है। नासा का डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) दुनिया भर में फैले एंटीना का एक विशाल नेटवर्क है। वहीं यूरोपीय स्पेस एजेंसी के पास अपना खुद का इंटरनेशन सैटेलाइट ट्रैकिंग नेटवर्क है, जिसे एस्ट्रैक कहा जाता है। एस्ट्रैक ग्राउंड स्टेशनों की एक वैश्विक प्रणाली है, जो कक्षा में उपग्रहों और जर्मनी में मौजूद यूरोपी अंतरिक्ष संचालन केंद्र के बीच लिंक प्रदान करता है।
नासा के नेटवर्क में दिखा चंद्रयान
नासा के डीप स्पेस नेटवर्क की वेबसाइट पर यह दिख जाता है कि आखिर कौन सा एंटीना किस सैटेलाइट से संपर्क में है। मैड्रिड में मौजूद एंटीना 65 ने इसके संपर्क की पुष्टि की है। दरअसल जब सिग्नल सिर्फ जाता है तो उस पर एक रेखा दिखती है। वहीं जब संपर्क पूरा होता है तो दो रेखाएं दिखती हैं। खगोलशास्त्री जॉनेथन मैकडॉवेल ने ट्वीट किया, 'कुछ समय से DSS 65 चंद्रयान तीन को सिग्नल भेज रहा है। लेकिन जब पिछले पांच मिनट में इसने दो कम्युनिकेशन दिखाए जो दिखाता है कि चंद्रमा सतह पर जीवित है। अब मैं कह सकता हूं बधाई हो भारत। बधाई हो इसरो।'
इसरो ने जारी की फोटो
चंद्रयान से संचार की पुष्टि इसरो ने भी की है। इसरो ने चांद के सतह की तस्वीर शेयर की है। इसके साथ लिखा चंद्रयान-3 लैंडर के साथ संपर्क हो गया है। यहां वह तस्वीरें हैं जो चंद्रयान के कैमरा ने उतरने के दौरान खींची हैं। चंद्रयान के मिशन में क्योंकि नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने भी साथ दिया था, इसलिए दोनों के प्रमुखों ने भारत को बधाई दी है।