Tuesday, 26 September 2023 00:00
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मूडीज की ओर से आधार पर सवाल उठाए गए हैं और बायोमेट्रिक सिस्टम की रिलायबिलिटी पर भी चिंता जताई गई है. मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार के सिस्टम में काफी गड़बड़ी हैं, जिसकी वजह से आधार का बॉयोमेट्रिक उन इलाकों में काम नहीं करता है, जहां पर मौसम औसत से ज्यादा गर्म है.
जिस तरह से भारत की इकोनॉमी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. दुनिया के कई फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की ओर से सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. अब ऐसा ही सवाल मूडीज की ओर से खड़ा किया गया. जब उसने आधार पर सवाल उठाए. दुनिया को पता है कि भारत के लिए आधार कितना अहम है. खासकर फाइनेंशियल तौर पर आधार भारत देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए काफी अहम हो चुका है. ऐसे में कोई बाहरी संस्था आधार पर सवाल उठाए तो जवाब देना जरूरी बन जाता है.
मूडीज की ओर से बयान आने के बाद सरकार ने मूंहतोड़ जवाब दिया है. सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि आधार दुनिया में सबसे भरोसेमंद आईडी है. जिस तरह की बातें मूडीज की ओर से कही गई हैं वो पूरी तरह से बेबुनियाद और बेसलेस है. देश के 1 अरब लोग इसका यूज कर रहे हैं. साथ ही 100 अरब से ज्यादा बार इस आईडी के थ्रू वेरिफाई भी किया है.
वास्तव में मूडीज इंवेस्टर्स ने आधार के बायोमेट्रिक सिस्टम की रिलायबिलिटी पर चिंता जताई है. मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार के सिस्टम में काफी गड़बड़ी है. जिसकी वजह से आधार का बॉयोमेट्रिक उन इलाकों में काम नहीं करता है, जहां पर मौसम औसत से ज्यादा गर्म है. सरकार ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से बेसलेस बताया है.
सरकार ने बयान में क्या कहा?
आधार पर मूडीज की रिपोर्ट आने बाद आई मंत्रालय सक्रिय हुआ और अपना बयान जारी किया. मिनिस्ट्री ने मूडीज की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि आधार दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी है. मूडीज की रिपोर्ट में किसी भी रिपोर्ट या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गयाा है. मिनिस्ट्री की ओर से यह भी कहा गया है कि इस रिपोर्ट में फैक्ट का पता लगाने की भी कोशिश नहीं हुई है. आईटी मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि आधार नंबर की जानकारी भी फेक है. रिपोर्ट में सिर्फ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की वेबसाइट का रेफ्रेंस दिया गया है.
मनरेगा को लेकर भी गलत रिपोर्ट
जैसा कि मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि बायोमेट्रिक तकनीक के यूज के कारण भारत की गर्म, आर्द्र जलवायु की वजह से कामगारों को उन सेवाओं से महरूम रखा जाता है,जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत मिलती है. सरकार ने इस बात को भी पूरी तरह से नकार दिया. मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया कि मनरेगा डाटाबेस में आधार की सीडिंग कामगारों को उनके बायोमेट्रिक्स का यूज कर बिना वेरिफिकेशन के की गई है. सरकार की ओर दी गई जानकारी के अनुसार कामगारों को उनका भूगदात सीधे उनके अकाउंट में डिपॉजिट किया जाता है. इसके लिए उनके बायोमैट्रिक का यूज कर वेरिफिकेशन नहीं किया जाता.