Saturday, 02 December 2023 00:00
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Election result 2023: 3 दिसंबर को 4 राज्यों में हुई वोटिंग की गिनती की जाएगी. वोटों की गिनती की प्रक्रिया को EVM मशीन ने आसान बना दिया है. लेकिन EVM मशीन में पड़े वोटों के परिणाम को VVPAT सिस्टम के परिणाम से कंपेयर किया जाता है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर दोनों के आंकड़ों में अंतर आए तो EVM और VVPAT में से किसके आंकड़ों को अंतिम माना जाएगा?
राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. 3 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी. 4 दिसंबर को मिजोरम में काउंटिंग होगी. वोटों की गिनती की प्रक्रिया को EVM मशीन ने आसान बना दिया है. लेकिन EVM मशीन में पड़े वोटों के परिणाम को VVPAT सिस्टम के परिणाम से कंपेयर किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि वीवीपैट पेपर पर्चियों का मिलान EVM मशीन के वोटों से होना अनिवार्य है.
ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर दोनों के आंकड़ों में अंतर आए तो EVM और VVPAT में से किसके आंकड़ों को अंतिम माना जाएगा? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब.
दोनों का इस्तेमाल क्यों, पहले इसे समझें?
पहले बैलेट पेपर से मतदान किया जाता था. अब चुनाव आयोग मतदान के लिए EVM मशीन का इस्तेमाल करता है. EVM मशीन में मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के सामने वाले बटन को दबाकर उसे वोट देते हैं. साल 2013 से मतदान के प्रोसेस में Voter Verified Paper Audit Trail (VVPAT) को जोड़ दिया गया.
VVPAT सिस्टम में EVM में वोट देने के बाद उस उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह वाली एक पेपर स्लिप तैयार होती है. इससे मतदान में पारदर्शिता बढ़ती है. तय होता है कि आपने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है, उसे वोट मिला है या नहीं. इससे चुनाव प्रणाली में मतदाताओं का विश्वास मजबूत होता है.
कौन नजर रखता है वोटों की गिनती पर?
एक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव कराने की जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसर (RO) पर होती है. आरओ सरकारी अफसर या ECI द्वारा नामित स्थानीय प्राधिकारी का एक अधिकारी होता है. रिटर्निंग ऑफिसर की जिम्मेदारियों में वोटों की गिनती भी शामिल होती है. RO तय करता है कि गिनती कहां की जाएगी. इसके बाद तय तारीख पर EVM से वोट गिने जाते हैं.
गिनती में फर्क निकला तो क्या होगा?
काउटिंग के दिन सील की गई EVM मशीनें स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाई जाती हैं और उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि की मौजूदगी में खोली जाती हैं. इसके बाद EVM मशीनों में पड़े वोटों और VVPAT की पर्चियों को गिना जाता है.
गिनती के समय एक विधानसभा क्षेत्र में कुछ मतदान केंद्रों की VVPAT पर्चियों और उसके संबंधित EVM के वोटों के परिणाम का मिलान किया जाता है. परिणामों के मिलान प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर निर्वाचन क्षेत्र के लिए अंतिम परिणाम घोषित कर सकता है.
अक्सर VVPAT पर्चियों और उसके संबंधित EVM के वोटों के परिणाम समान होते हैं. लेकिन क्या होगा अगर इन परिणामों में अंतर हो? ऐसे मामले में, VVPAT की पर्चियों के परिणाम को अंतिम माना जाता है. वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन मतगणना हॉल में एक सुरक्षित वीवीपैट काउंटिंग बूथ के अंदर किया जाता है. इस बूथ में केवल अधिकृत कर्मियों को आने की अनुमति होती है. इस तरह वीवीपैट की संख्या पर अंतिम मुहर लगती है.