Wednesday, 15 November 2023 00:00
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सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो गया है। किसी जमाने में राजनीति से लेकर बॉलीवुड और खेल जगत में उनकी धूम थी। स्कूटर पर नमकीन बेचने वाले इस शख्स ने दो लाख करोड़ का कारोबार खड़ा कर दिया था। बिहार के अररिया जिले के रहने वाले सुब्रत रॉय की शुरूआती पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई और फिर वो गोरखपुर पहुंच गए. साल 1978 में सुब्रत रॉय ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर स्कूटर पर बिस्कुट और नमकीन बेचने का काम शुरू किया.
सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय का 75 साल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. सहारा ग्रुप की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय ने अपना सफर स्कूटर पर नमकीन बेचने से शुरु किया था. एक दौर ऐसा भी आया जब देश की एक बड़ी आबादी का खाता सहारा में खोला गया था. लोगों ने 10-20 रुपए जमा करके इस कंपनी को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया था.
ऐसे बनाया एंपायर
सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय ने साल 1978 में अपने एक दोस्त के साछ मिलकर स्कूटर पर नमकीन बेचने का काम शुरु किया. लेकिन किसे पता था कि एक दिन यही शख्स सहारा नाम को दो लाख करोड़ से ज्यादा का एंपायर बना देगा. लोगों से 10-20 रुपए रोज जमा करवाकर सहारा ने एक ऐसी मिशाल बना दी जो भारत के लिए बिल्कुल नया था. एक कमरे में दो कुर्सी और एक स्कूटर के साथ उन्होंने दो लाख करोड़ रुपये तक का सफर तय कर किया। सपने बेचने में उन्हें महाराथ हासिल थी। दोस्त के साथ मिलकर उन्होंने चिट फंड कंपनी शुरू की। उन्होंने पैरा बैंकिंग की शुरूआत की। गरीब और मध्यम वर्ग को टारगेट किया। मात्र 100 रुपये कमाने वाले लोग भी उनके पास 20 रुपये जमा कराते थे।
चिटफंड कंपनी से बनाई पहचान
सुब्रत राय ने नमकीन बेचने के बाद अपने एक दोस्त के साथ मिलकर एक कमरें, दो कुर्सी और एक मेज के साथ एक चिटफंड कंपनी की शुरुआत की. यहीं से शुरु हुआ सुब्रत राय का नया सफर. देखते ही देखते यह चिटफंड कंपनी देश के शहरों से गांवो से फैलने लगी. इस कंपनी की खास बात यह रही कि इसे गरीब तबके का खूब साथ मिला. लोगों ने सहारा पर जमकर भरोसा किया.
गरीब और मध्यम वर्ग का मिला साथ
सुब्रत राय की सहारा को गरीब और मध्यम वर्ग ने हाथों हाथ लेना शुरु किया. सहारा की य़ूएसपी थी कि जो जितना पैसा जमा कर सकता है करें. इसके लिए कोई लिमिट तय नहीं थी. इसलिए लोग 10 रुपए 20 रुपए भी रोज जमा करने लगे.
सहारा इंडिया परिवार ने बयान जारी किया- "सहारा इंडिया परिवार को अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे मैनेजिंग वर्कर और चेयरमैन 'सहाराश्री' सुब्रत रॉय सहारा का निधन हो गया है. सहाराश्री जी एक प्रेरणादायक और दूरदर्शी व्यक्तित्व थे. मेटास्टैटिक मैलिंगनैंसी, हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारियों के साथ एक लंबी लड़ाई के बाद कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 को रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया. स्वास्थ्य में गिरावट के बाद उन्हें 12 नवंबर 2023 को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (केडीएएच) में भर्ती कराया गया था.
उनकी क्षति पूरे सहारा इंडिया परिवार को गहराई से महसूस होगी. सहाराश्री जी उन सभी के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति, मार्गदर्शक और प्रेरणा के स्रोत थे, जिन्हें उनके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था.
अंतिम संस्कार के संबंध में विवरण उचित समय पर सूचित किया जाएगा.
सहारा इंडिया परिवार सहाराश्री की विरासत को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम हमारे संगठन को आगे बढ़ाने में उनके दृष्टिकोण का सम्मान करना जारी रखेंगे."