Monday, 25 September 2023 00:00
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश दौरे से पहले उमा भारती की ओबीसी के लिए उम्मीदें फिर जाग उठी है. उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री आज मध्य प्रदेश में ओबीसी के लिए कुछ ऐलान करेंगे. वह पहले भी पीएम मोदी से आस लगा चुकी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश और राजस्थान दौरे पर जा रहे हैं. महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के मुद्दे को हल करने के बाद पीएम का यह पहला राजनीतिक दौरा है. इस बीच उमा भारत ने पीएम मोदी से बड़ी आस लगाई है. उन्होंने पीएम को गरीबों और पिछड़ों का मसीहा बताने के साथ ही ओबीसी के लिए अपनी मांगें रख दी हैं. सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपने एक पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को टैग भी किया और लिखा, “प्रधानमंत्री जी का भोपाल की धरती पर स्वागत. यकीन है कि महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण पर सकारात्मक संकेत देंगे.”
मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती ने महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की पहले भी वकालत की हैं. समुदाय को हिंदुत्व के दायरे में रहने और खुद को विपक्षी दलों के साथ नहीं जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा, “मध्य प्रदेश में चुनाव आ रहा है. महिला आरक्षण को लागू करने का यही सही मौका है. आप (राजनीतिक दल) पिछड़ी जातियों की महिलाओं को बिना आरक्षण के टिकट देते हैं. यहां आरक्षण की जरूरत नहीं है बस आपकी इच्छा शक्ति की जरूरत है.
कभी बीजेपी-कांग्रेस बोलती थी एक ही भाषा
महिला आरक्षण में विपक्षी दलों के नेता भी ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उमा भारती द्वारा वो ही मांग दोहराने पर उनकी आलोचना भी हुई. उनपर विपक्षी की भाषा बोलने के भी आरोप लगे. उमा भारती का कहना है, “लोग कह रहे हैं कि मैं कांग्रेस की जुबान बोल रही हूं, जी नहीं कांग्रेस खुद मेरी भाषा बोल रही है. उन्होंने गंभीर दावा करते हुए कहा, “एक समय था जब कांग्रेस और बीजेपी एक ही भाषा बोलती थी – वो ये की ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए. आज कांग्रेस ने अपना रुख बदल लिया, क्योंकि ओबीसी को तरजीह नहीं देने के की वजह से उनका बिहार और उत्तर प्रदेश में सफाया हो गया.
विपक्ष की ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी महिला आरक्षण में लगातार ओबीसी महिलाओं के सब-कोटे की डिमांड कर रहे हैं. संसद में भी विपक्षी दलों ने ओबीसी के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की. इनके अलावा इंडिया गठबंधन के नेता भी लगातार यही डिमांड कर रहे हैं. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी महिला आरक्षण में मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था की अपनी मांग रख चुके हैं. बाजाब्ता संसद में उन्होंने बिल के खिलाफ वोट किया. महिला आरक्षण बिला संसद की दोनों सदनों से पास हो चुका है लेकिन राष्ट्रपति का अप्रूवल खबर लिखे जाने तक नहीं मिला है.