Thursday, 06 April 2023 00:00
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ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि कई मामले हैं जो पारिवारिक लाभ योजना का अनुदान पाने के लिए गलत तरीके से आवेदन कर रहे हैं। जांच में जब खुलासा हुआ तो अफसर हरकत में आए। फर्जीवाड़े का यह खेल काफी समय से चल रहा है। समाज कल्याण विभाग और तहसील की टीम के सत्यापन से फर्जी अनुदान लेने के मंसूबों पर पानी फिर गया। आवेदनों में कमियां पाई गई हैं। मालूम हो कि पारिवारिक लाभ योजना में परिवार के मुखिया की मौत होने पर 30 हजार रुपये मिलते हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. प्रज्ञा पांडेय के मुताबिक जांच में 27 आवेदन अपात्र निकले जिन्हें निरस्त कर दिया गया है। बाकी को अनुदान देने के लिए फाइल भेज दी गई है।
सुशीला देवी के पति विमलेश कुमार की मौत हो चुकी है। परिवार के मुखिया के न रहने के बाद सुशीला ने पारिवारिक लाभ योजना का अनुदान पाने के लिए आवेदन किया। इस बीच उन्होंने दोबारा शादी भी कर ली। जब तहसील की टीम ने सत्यापन किया तो हकीकत सामने आ गई। जांच के बाद उनका आवेदन निरस्त किया गया।
पूजा के पति विजय यादव की मौत हो चुकी है। उन्होंने दूसरी शादी कर ली। इसके बावजूद उन्होंने पारिवारिक लाभ योजना का अनुदान पाने के लिए आवेदन कर दिया। जब तहसील की टीम जांच के लिए पहुंची तो उनकी स्थिति की जानकारी हुई। पूजा के आवेदन को निरस्त किया गया।
पारिवारिक लाभ योजना का अनुदान पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन के सत्यापन कराए गए तो तहसील स्तर से ही 27 आवेदन अपात्र निकले। इनमें से 21 दोबारा शादी करने वाले आवेदक मिले हैं। छह में प्रमाण-पत्र, दस्तावेज और पता गलत होने की शिकायत पर रद किया गया है। 565 आवेदन ठीक होने पर उनका सत्यापन करा अनुदान देने के लिए भेज दिए गए है।
2021 में योजना में फर्जीवाड़ा खुलने के बाद जांच के स्तर पर बदलाव किया गया है। अब ऑनलाइन आवेदन शॉर्ट लिस्ट करने के बाद तहसील और समाज कल्याण स्तर से तीन बार जांच होती है ताकि फर्जी आवेदन न हो सकें। पैसा जारी होने से पहले भी सभी की सत्यापन रिपोर्ट देखी जाती है।