Saturday, 24 December 2016 07:14 AM
AP DESK
मुंबई: टाटा संस के निष्कासित चेयरमैन साइरस मिस्त्री के साथ अपनी खींचतान में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए रतन टाटा ने शुक्रवार को कहा कि बीते दो महीने में उनकी व्यक्तिगत छवि को चोट पहुंचाने की निश्चित कोशिश की गई है लेकिन अंतत: सच्चाई सामने आएगी भले ही प्रक्रिया कितनी भी पीड़ादायी हो.
उल्लेखनीय है कि 24 अक्टूबर को मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक हटा दिया गया. रतन टाटा को अंतरिम चेयरमन बनाया. टाटा ने यहां टाटा केमिकल्स के शेयरधारकों की बैठक में अपने विचार रखने के लिए हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा, ‘पिछले दो माह के दौरान, मेरी व्यक्तिगत छवि और इस महान टाटा समूह की साख को नुकसान पहुंचाने के लिये निश्चित रूप से प्रयास किये गये.’
उल्लेखनीय है कि मिस्त्री खुद को हटाए जाने के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और शुरू में समूह की अन्य कारोबारी कंपनियों के निदेशक मंडल में बने रहने पर अड़े रहे. इस दौरान रतन टाटा व साइरस मिस्त्री के खेमे में जुबानी जंग हुई और दैनिक आधार पर एक दूसरे के खिलाफ बयान जारी किए गए.
रतन टाटा ने कहा, ‘ये दिन बहुत ही अकेलेपन वाले रहे हैं क्योंकि अखबार उन हमलों से भरे हुए हैं जिनमें से ज्यादा निराधार लेकिन बहुत पीड़ादायक हैं.’ मिस्त्री टाटा समूह की कारोबारी कंपनियों के निदेशक मंडल से तो हट गए हैं लेकिन उन्होंने रतन टाटा व टाटा संस को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण में घसीटा है.
रतन टाटा ने कहा, ‘यह समूह 150 साल से है. यह कंपनी संचालन व समान अवसर पर आधारित है. मुझे लगता है कि सच्चाई सामने आएगी जो भी प्रक्रिया हो, जितनी भी पीड़ादायी प्रक्रिया हो.’ टाटा कैमिकल्स के बोर्ड की असाधारण आम बैठक मिस्त्री व उनके समर्थक स्वतंत्र निदेशक नुस्ली वाडिया को निदेशक मंडल से हटाने के प्रस्ताव पर विचार के लिए बुलाई गई थी. चूंकि मिस्त्री पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं इसलिए शेयरधारकों ने केवल वाडिया के बिंदु पर मतदान किया. टाटा ने कहा कि वे इस दौरान सभी शेयरधारकों से मिले समर्थन व स्नेह से अभिभूत हैं.