Sunday, 30 April 2017 01:10 AM
AP DESK
सहालग में बैंकों में कैश की किल्लत लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। ग्रामीण इलाकों और शहर में बैंकों की छोटी शाखाओं में हर दूसरे दिन कैश खत्म होने के कारण लोगों को बैरंग लौटना पड़ा रहा है। इसके अलावा खाली एटीएम भी लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। एसबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी इलाके की तुलना में ज्यादा दिक्कत आ रही है। शहर के ज्यादातर लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन कर लेते हैं जबकि गांवों के लोग कैश पेमेंट पर ही जोर देते हैं।
प्राइवेट बैंकों को मिल रहा ज्यादा पैसा
बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स असोसिएशन के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में पहले ही यह आरोप लग चुका है कि आरबीआई की तरफ से निजी बैंकों को ज्यादा रुपये दिए जा रहे हैं। असोसिएशन से जुड़े दिलीप चौहान का कहना है कि नोटबंदी के बाद से जहां कुछ बड़े प्राइवेट बैंकों की शाखाओं को रोजाना 50 करोड़ रुपये दिए जा रहे है, वहीं राष्ट्रीयकृत बैंकों को पांच करोड़ रुपये ही दिए जा रहे हैं। छोटी शाखाओं को तो और भी कम रकम मिल रही है।
चिनहट इलाके के शिशिर तिवारी ने बताया कि ज्यादातर एटीएम खाली होने से भी दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि कैश निकालने के लिए कम से कम पांच-छह एटीम के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बीकेटी निवासी डीएम त्रिपाठी ने बताया कि उनके घर पर शादी है। तमाम लोगों को पेमेंट करने के लिए वह सोमवार को रुपये निकालने बीकेट स्थित एसबीआई की शाखा गए। वहां बताया गया कि कैश खत्म हो गया है। उधर, लखनऊ फर्नीचर असोसिएशन के अध्यक्ष सोहैल हैदर अल्वी का कहना है कि खराब इंटरनेट सेवा के कारण व्यापारियों को कैशलेट ट्रांजेक्शन में दिक्कत आ रही है। इस कारण व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।