Friday, 16 June 2017 04:07AM
AP DESK
सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक के उपभोक्ता सबसे अधिक परेशान
अररिया : हालांकि नोटबंदी की अवधि को समाप्त हुए भी छह माह का समय गुजर चुका है. पर न तो बैंकों में करेंसी कि किल्लत कम होती दिखायी दे रही है. न ही ग्राहकों की परेशानी. डिजिटल इंडिया की तरफ तेजी से बढ़ने के दावे की बीच की एक तल्ख सच्चाई ये भी है कि जिले के अधिकांश एटीएम की हैसियत एक खाली डिब्बे की ही रह गयी है. शहर में जगह जगह लगे एटीएम के स्क्रीन पैनल व बैंकों के अंदर प्रवेश करते ही करेंसी की किल्लत की बात जग जाहिर हो जाती है.
यूं तो ये स्थिति कमोबेश सभी बैंक की है. लेकिन हैरत की बात ये है कि जिले में सबसे बड़ा कारोबार करने वाले एसबीआइ की स्थिति संभवत सबसे बुरी है. एसबीआइ के आउटसोर्स किये गये जिले के 35 एटीएम में कैश की कमी लगातार बनी रहती है. 22 बैंक शाखाओं में भी राशि के लेन देन के लिए अफरा तफरी मची रहती है. मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले एसबीआइ के कनखुदिया व उरलाहा शाखा में खाता धारकों ने अपनी नाराजगी का इजहार किया. ग्राहक बैंक में राशि नहीं उपलब्ध रहने के कारण आक्रोशित थे, लेकिन वहां पदस्थापित बैंक कर्मियों के पास कोई उचित उत्तर भी नहीं था.
दो करोड़ के नोट सप्ताह में एक बार भेज रहा आरबीआइ
करेंसी की कमी के बाबत पूछे जाने पर एसबीआइ के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि बैंक चलाने के लिए ही नोट कम पड़ रहे हैं. ऐसे में एटीएम का नियमित संचालन संभव नहीं हैं. कहा गया कि मुख्य शाखा में दो करोड़ के नोट सप्ताह में एक बार आरबीआइ भेज रहा है. एसबीआइ की शाखाओं व एटीएम के लिए ये मात्रा दो दिनों की खुराक हैं, पर चलाना सात दिन पड़ता है. वहीं एक अन्य बैंक कर्मी ने कहा कि आरबीआइ से नोट की सप्लाइ ही बहुत कम हो रही है. लगभग दो माह से दो हजार के नये नोटों की आपूर्ति हुई ही नहीं हैं. गौरतलब है कि लगभग एक सप्ताह पूर्व एसबीआइ मुख्य शाखा के प्रबंधक शिव प्रकाश झा ने भी करेंसी की किल्लत की बात स्वीकारी थी. उन्होंने भी कहा था कि बैंक चलाने के लिए ही नोट कम पड़ रहे हैं. बल्कि उन्होंने तो यहां तक कहा था कि आरबीआइ की मानें तो 2019 से पहले स्थिति सामान्य होने की उम्मीद नहीं हैं. दिलचस्प ये भी है कि बैंकिंग की मौजूदा स्थिति से नाराज एक बैंक कर्मी ने तो यहां तक कहा कि बैंक इन दिनों बैंकिंग तो नहीं कर रहा है, सारा जोर म्युच्वल फंड, एसबीआइ लाइफ, दुर्घटना बीमा सहित अन्य उत्पाद बेचने पर है. मिली जानकारी के अनुसार कुछ ही दिन पहले एसबीआइ को बहुत ही कम समय में ऐसा ही एक उत्पाद बेचने का फरमान मिला था. बैंक को ऐसा करना भी पड़ा.