Tuesday, 13 September 2022 00:25
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि श्रीलंका को मानवाधिकारों में सुधार करना चाहिए और मानवीय चुनौतियों से निपटने के लिए संस्थानों को मजबूत करना चाहिए. भारत ने UNHRC में उठाया तमिल का मुद्दा, कहा- श्रीलंका में मानवाधिकारों का हो रहा हनन
भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में तमिल का मुद्दा उठाया. भारत ने कहा कि श्रीलंका में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. UNHRC की बैठक में भारत ने श्रीलंका में रहने वाले तमिल लोगों के मानवाधिकारों पर चिंता व्यक्त की. भारत ने कहा कि श्रीलंका ने तमिल मुद्दे के समाधान पर कोई प्रगति नहीं की है, जो चिंता का विषय है. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 51वें सत्र में ओएचसीएचआर की रिपोर्ट श्रीलंका में सुलह, जवाबदेही और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के विषय पर आयोजित एक संवाद में कहा, ‘यह चिंता का विषय है कि श्रीलंका खुद अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहा है और अभी तक उसने तमिल मुद्दे के समाधान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.’
भारत ने कहा कि पड़ोसी द्वीप राष्ट्र श्रीलंका में शांति और सुलह पर उसका लगातार दृष्टिकोण एक संयुक्त श्रीलंका के ढांचे के भीतर एक राजनीतिक समाधान के लिए रहा है. मगर वहां रहने वाले तमिल लोगों के लिए न्याय, शांति, समानता और सम्मान सुनिश्चित करना भी उसका मानवाधिकार है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि श्रीलंका को मानवाधिकारों में सुधार करना चाहिए और मानवीय चुनौतियों से निपटने के लिए संस्थानों को मजबूत करना चाहिए. बता दें कि श्रीलंका इस समय सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका
संयुक्त राष्ट्र के कार्यवाहक उच्चायुक्त नादा अल-नशिफ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को श्रीलंका का समर्थन करना चाहिए क्योंकि देश में लोग भोजन, ईंधन, बिजली और दवा की कमी से जूझ रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली श्रीलंका की नई सरकार से जुलाई में पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को बाहर करने में मदद करने वाले विरोधी नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए सुरक्षा कानूनों के उपयोग को समाप्त करने का भी आग्रह किया.
श्रीलंका में रह रहे तमिलों में असंतोष
श्रीलंकाई सरकार की गलत नीतियों और पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण श्रीलंका में रहने वाले तमिल लोगों में गहरा असंतोष पैदा हो गया. वे लोग खुद को कटा-कटा समझते हैं. और तो और जबसे देश में आर्थिक संकट गहराया है तब से वे लोग खुद और अकेला समझने लगे हैं. उसके साथ वैसा सलूक भी नहीं किया जा रहा है, जिससे वे लोग आहत हैं. 23 करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका में काफी संख्या में तमिल लोग लोग रहते हैं. करीब 18 फीसदी लोग तमिल हैं. इनमें से कुछ हिन्दुस्तानी मूल के तमिल है जबकि कुछ श्रीलंका मूल के. श्रीलंका मूल के तमिल वे हैं, जो बहुत पहले औपनिवेशिक शासनकाल में यहां चले आए थे.