Saturday, 21 January 2023 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
अगले महीने अरुणाचल प्रदेश, असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भारतीय वायु सेना हवाई युद्धाभ्यास करेगी. इसमें पहली कतार के फाइटर्स, हेलिकॉप्टर, लड़ाकू विमान और ड्रोन शामिल होंगे.
एक ख़बर के अनुसार ये युद्धाभ्यास ऐसे वक्त होगा जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद ईस्टर्न सेक्टर में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास तनाव बढ़ गया है. दोनों देशों के बीच बीते 32 महीनों से रिश्ते तल्ख़ हैं.
एक से लेकर पांच फरवरी तक होने वाला ये कमांड स्तर का युद्धाभ्यास होगा जिसमें युद्ध के लिए ईस्टर्न एयर कमांड की तैयारी का टेस्ट होगा. एक सूत्र के हवाले से अख़बार ने लिखा है कि इसमें रफ़ाल और सुखोई 30एमकेआई फ़ाइटर जेट जैसे ईस्टर्न सेक्टर के सभी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा. ये जेट हासिमारा, तेज़पुर और चाबुआ एयर फ़ील्ड से उड़ान भरेंगे.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से में दोनों देशों के बीच हुई झड़प के बाद बीते साल दिसंबर नौ को एयर फोर्स ने पूर्वोत्तर में दो दिनों का युद्धाभ्यास किया था. लेकिन सूत्र के अनुसार अगले महीने होने वाला युद्धाभ्यास बड़े स्तर पर होगा और इसमें सी-10जे सुपर हर्क्युलिस, चिनूक और अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों जैसे कई और तरह के प्लेटफॉर्म भी शामिल किए जाएंगे.
अख़बार लिखता है कि लतागार तीसरे साल पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ सटी सीमा के पास चीन ने 50 हज़ार सैनिकों को तैनात किया है और यहां बड़ी मात्रा में भारी हथियार भी रखे हैं. अब तक डेपसांग और डेमचोक जैसी रणनीतिक तौर पर अहम जगहों में सेना के डिस्इन्गेजमेन्ट पर भारत के साथ बात करने के लिए भी चीन नहीं तैयार हो रहा.
इसके साथ ही सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पास एलएसी के पास चीन ने सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है. उसने 4,500 सैनिकों की दो कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड को टैंकों और भारी हथियारों के साथ ईस्टर्न सेक्टर में तैनात किया है.
भारत के साथ सटी 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा पर चीन ने जगह-जगह पर अपनी वायु सेना की गतिविधि बढ़ा दी है. होटन, काशगर, गारगुंसा, शिगात्से जैसे वायु सेना के ठिकानों पर उसने उड़ानपट्टी को बढ़ाया है, बंकर बनाए हैं, ईंधन रखने के डिपो बनाए हैं और यहां फ़ाइटर जेट, बॉम्बर जेट और टोही विमानों की संख्या बढ़ाई है.
डोकलाम के पास जहां सिक्किम, भूटान और तिब्बत की सीमा मिलती है उसने भूटान के क्षेत्र के नज़दीक उसने इन्फ्रास्चर निर्माण का काम बढ़ाया है. ये भी भारत के लिए चिंता का विषय है. साल 2017 में जोम्फेरी इलाक़े में सड़क बनाने की चीन की कोशिश को रोकने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था जो 73 दिनों तक रहा.