ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के विरोध में एवं न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु बिजली कर्मियों के आन्दोलन को और तेज करते हुए आज 21 नवम्बर 2022 को बिजलीकर्मियों ने मध्यांचल मुख्यालय लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में किया 02 घण्टे का कार्य बहिष्कार एवं विरोध सभाएं
# आज से प्रारम्भ होगा "वर्क टू रूल" एवं 28 नवम्बर को निकाला जायेगा मशाल जुलूस
# सार्थक निराकरण ना होने पर 29 नवम्बर से होगा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के मध्यांचल डिस्कॉम पर आज बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों ने धरना प्रदर्शन कर 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया। इस धरना प्रदर्शन, कार्य बहिष्कार में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी,अभियंता संघ,जूनियर इंजीनियर संगठन शामिल हुआ और मिर्जापुर के चीफ़ इंजीनियर रहे राजा बाबू कटियार को श्रद्धांजलि दी।
जूनियर इंजीनियर संगठन के प्रांतीय महासचिव जयप्रकाश ने अपने संबोधन में पावर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबन्धन के तानाशाही रवैया का विरोध किया। प्रबन्धन के तानाशाही रवैए से कर्मचारियों,अधिकारियों में भय व्याप्त है। वह 20:20 घंटे काम करते हैं अपने परिवार को,अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं। पावर कारपोरेशन में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं, चाहे वह ईआरपी घोटाला हो, मीटर घोटाला हो, जीपीएफ घोटाला, तमाम घोटाले हैं। पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए। विद्युत संविदा कर्मचारियों को भुगतान सही समय पर किया जाए और कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना बन्द किया जाए, नहीं तो 29ताo से अनिश्चित कालीन हड़ताल होगी, जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी।
पावर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबन्धन के तानाशाही रवैये के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण करने के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले तमाम घटक श्रम संघों/सेवा संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से लोकतान्त्रिक एवं शान्तिपूर्ण तरीके से चलाये जा रहे आन्दोलन को और तेज करते हुए पूरे प्रदेश के बिजली अभियंताओं, जूनियर इंजीनियरों व बिजली कर्मचारियों द्वारा आज प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार कर जबरदस्त विरोध सभाएं की गयीं,जिसमें बिजली कर्मियों ने जबरदस्त नारेबाजी कर प्रबन्धन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया। राजधानी लखनऊ में मध्यांचल मुख्यालय पर विरोध सभा का आयोजन किया गया।
प्रबन्धन के उत्पीड़न एवं अत्यधिक दबाव व मानसिक कष्ट से शहीद हुए मुख्य अभियन्ता को श्रद्धांजलि दिये जाने का क्रम आज भी जारी रहा एवं पूरे प्रदेश में विरोध सभाओं में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।
इस अवसर पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, के पदाधिकारियों राजीव सिंह,प्रभात, जय प्रकाश, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, डीके मिश्रा, मो इलियास, महेन्द्र राय, केशर सिंह रावत, सुनील प्रकाश पाल,राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, सनाउल्लाह, पी एस बाजपेयी, जी पी सिंह, ए के श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित, भगवान मिश्र, पवन श्रीवास्तव, रफीक अहमद, के पी सिंह, आर के सिंह, दीपक चक्रवर्ती, जवाहरलाल, मोहम्मद इलियास, रणवीर सिंह, आलोक कुमार, अंकुर भारद्वाज, पीके सिंह, संदीप सिंह मौर्य, दीपक शर्मा, ब्रिजेन्द्र कुमार, अरविन्द, संतोष कुमार विश्वकर्मा, अरविन्द त्रिपाठी प्रमुख रूप से शामिल हुए।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा जारी बयान में बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये एवं नकारात्मक कार्यप्रणाली के कारण ऊर्जा निगमों को हो रही आर्थिक क्षति को रोकने एवं ऊर्जा निगमों में उत्पन्न किए गए भय के वातावरण को समाप्त कराने हेतु एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओ के समाधान के प्रति प्रबंधन द्वारा उपेक्षात्मक व नकारात्मक रवैया अपनाये जाने के कारण कुछ भी सार्थक कार्यवाही न होने से संघर्ष समिति ने सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण हेतु लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन किए जाने के निर्णय के क्रम में आज प्रदेशव्यापी 02 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया गया जिसमे हजारों बिजली अभियंता, जूनियर इंजीनियर व बिजली कर्मचारी सम्मिलित हुए । ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के हठवादी व नकारात्मक रवैये के कारण ही 27 अक्टूबर को दी गयी नोटिस पर संघर्ष समिति से ऊर्जा के शीर्ष प्रबन्धन द्वारा कोई भी वार्ता नहीं की गयी है जो बिजलीकर्मियो की समस्याओं के प्रति शीर्ष प्रबन्धन की उदासीनता दर्शाता है।
पदाधिकारियों ने शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन पर ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री माननीय श्री अरविंद कुमार शर्मा जी से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर सार्थक पहल करें जिससे वार्ता की मेज पर समस्याओं का समाधान हो सके और ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव न हो।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि आन्दोलन के अगले चरण में कल दिनांक 22 नवम्बर से ’’वर्क टू रूल’’ आन्दोलन प्रारम्भ किया जायेगा जिसके अन्तर्गत निर्धारित कार्यावधि मेंं प्रत्येक कार्मिक द्वारा उन्हें प्रदत्त कार्य ही किये जायेंगे एवं सभी कार्य नियमानुसार ही किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं नकारात्मक कार्य प्रणाली को उजागर करने हेतु प्रदेश भर के माननीय जनप्रतिनिधियों को 22 नवम्बर 2022 से ज्ञापन सौंपा जायेगा तथा 28 नवम्बर 2022 सायं 5 बजे से समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाला जायेगा और 29 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारंभ होगा, जिसका सारा दायित्व ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का होगा।