Friday, 25 August 2017 10:30 AM
VIVEK KUMAR
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव किया जा रहा है। इसे लेकर उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी शिक्षक संघों को सुझाव देने के लिए कहा गया है।
शिक्षक संघों के सुझाव के आधार पर सरकारी स्कूलों में छुट्टियों का नया शेड्यूल तैयार किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय द्वारा मांगे गए सुझावों में अधिकतर शिक्षक संघ समर विकेशन स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल को बदलने की बात कर रहे हैं।
जबकि विंटर स्कूलों में होने वाली सर्दियों की छुट्टियों में किसी प्रकार के बदलाव न करने का सुझाव दे रहे हैं।
वहीं, बरसात के दौरान समर स्कूलों में पडऩे वाली छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव करने की बात कर रहे हैं। कई शिक्षक संघ समर स्कूलों में बरसात के दौरान बच्चों को स्कूल पहुंचने में परेशानी की बात कर रहे हैं,
जबकि कुछेक ऐसे भी हैं जोकि छुट्टियों के शेड्यूल के साथ परीक्षाओं के शेड्यूल में भी बदलाव किए जाने की बात कर रहे हैं। प्रदेशभर में ग्रीष्मकालीन सीनियर सेकेंडरी, हाई, मिडिल व प्राइमरी स्कूलों की संख्या आठ हजार से अधिक है।
किसने क्या दिया सुझाव
हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मानसून की छुट्टियों का पुराना शेड्यूल ही बेहतर है।
स्कूलों में छुट्टियां 14 जुलाई से 14 अगस्त तक होनी चाहिए। क्योंकि पिछले कुछ वर्षों के दौरान देखने में आया है कि एक से 15 अगस्त के बीच भारी बरसात होती है। ऐसे में बच्चों को स्कूल पहुंचने में काफी परेशान होना पड़ता है। संघ की ओर से यही सुझाव उच्च शिक्षा निदेशालय को भी भेजा जाएगा।
हेडमास्टर, प्रिंसिपल काडर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय गौतम ने कहा कि ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मानसून के अवकाश को 10 जुलाई से 14 अगस्त तक किया जाना चाहिए।
प्रदेश के कई हिस्सों में ग्रीष्मकालीन स्कूलों के बच्चों को खड्ड या नाले पार कर भी स्कूल आना पड़ता है और एक से 15 अगस्त तक भारी बारिश होती है।
दूसरा यह है कि जनवरी में पडऩे वाली दस छुट्टियों को भी मानसून की छुट्टियों में शामिल कर देना चाहिए। शीतकालीन स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं हो सकता है।
स्कूल प्रवक्ता संघ के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि ग्रीष्मकालीन स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल में तो बदलाव चाहिए ही साथ ही दसवीं, जमा एक और दो की परीक्षा के शेड्यूल को भी बदल कर दिसंबर में करवाना चाहिए।
इससे शीतकालीन स्कूलों में एक जनवरी से दस फरवरी तक छुट्टियां रहती हैं और इन कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों की परीक्षा से पहले पढ़ाई से लय टूट जाती है। ऐसे में इनकी परीक्षा के शेड्यूल में बदलाव कर दिसंबर में करवाने का सुझाव दिया गया।