Saturday, 24 December 2022 00:00
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लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर, लखनऊ के दर्शनशास्त्र विभाग ,राष्ट्रीय कैडेट कोर विंग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के साहिबजादों की स्मृति में “वीर बाल दिवस” का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ- “देह शिवा बर मोहे इहे, शुभ करमन ते कबहुं न टरों” -इस प्रार्थना के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय एवं कार्यक्रम का संयोजन मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढ़ी ने किया।
तत्पश्चात अंडर ऑफिसर वसुंधरा गंगवार के द्वारा गुरु गोविंद सिंह एवं उनके साहिबजादों के जीवन पर पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रकाश डाला गया। उनके शौर्य अदम्य साहस और बलिदान को प्रस्तुत किया गया। डॉ चनप्रीत कौर द्वारा साहिबजादों के शहादत पर आधारित एक कविता प्रस्तुत की गई- “आसमान में चमके बनकर सितारे, चार साहबजादे वीर हमारे”। कैडेट हर्षीन कौर एवं तनवीर कौर ने भी कविताओं के माध्यम से शहादत को प्रणाम किया।
इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के दिवस और शहादत हमें यह सिखाती हैं कि किस प्रकार के संकल्प और दृढ़ता की आवश्यकता होती है, जो समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजादी का अमृत महोत्सव भी इसी उद्देश्य से पूरे देश में मनाया जा रहा है, ताकि हम इतिहास में दर्ज उन पन्नों की भी जानकारी प्राप्त कर सकें, जो हमारे जीवन की प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।
कार्यक्रम संयोजक मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढ़ी ने कहा कि मृत्यु एक अटल सच्चाई है, जब तक व्यक्ति जीवित रहता है तब तक उसकी पहचान उसके कार्य और व्यवहार से होती है, लेकिन उसके पश्चात उसके अच्छे या बुरे कर्मों के कारण ही जाना जाता है। सत्य की आवाज बुलंद करके धर्म पर कुर्बान होने वाले वीर पुरुषों को सदैव ही नमन किया जाता है और श्रद्धांजलि अर्पित की जाती हैं। स्वतंत्र, निडर होकर सत्य के मार्ग पर चलने वालों का जीवन समस्त मानवता के लिए उदाहरण बन जाता ह। सिख धर्म के इतिहास में शौर्य, त्याग, बलिदान, सेवा, विनम्रता, भक्ति की अद्वितीय परंपरा रही है और इतिहास का यही स्वर्णिम अध्याय सदियों से मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत और प्रासंगिक रहा है।
राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रतिमा घोष ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित किया जिसमें वीर बाल दिवस के संदर्भ में ही प्रश्न किए गए और विजई छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। डॉ वंदना द्विवेदी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में महाविद्यालय के विभिन्न संकायों की प्रवक्ताएं एवं छात्राएं उपस्थित रहीं। बोले सो निहाल सत श्री अकाल के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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